उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा की तैयारी: आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की निगरानी और सुरक्षा उपाय

देहरादून: उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी आनंद स्वरूप ने शुक्रवार को राज्य आपातकालीन केंद्र पहुंचकर मानसून को लेकर प्रदेशभर की स्थिति का जायजा लिया। साथ ही आगामी कांवड़ यात्रा की तैयारियों को लेकर भी जरूरी निर्देश दिए है। स्वरूप ने यूएसडीएमए स्थित कंट्रोल रूम से मानसून के चलते बंद राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य राजमार्गों और ग्रामीण सड़कों को लेकर जानकारी ली और जीआईएस के माध्यम से भूस्खलन क्षेत्रों का समीक्षा लिया। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश-बदरीनाथ एन.एच पर जोगीधारा में बार-बार हो रहे भूस्खलन का स्थायी समाधान किया जाएगा और जल्द यू.एस.डी.एम.ए और यू.एल.एम.एम.सी की टीम प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करेगी। उन्होंने कहा कि जिन भूस्खलन क्षेत्रों में ट्रीटमेंट का कार्य पूर्व में किया जा चुका है, संबंधित विभाग वहां नियमित रूप से निगरानी करें ताकि कहीं फेंसिंग टूटी हो या बाकी टूट-फूट हो तो समय रहते उसको सही किया जा सके।
इस दौरान उन्होंने कांवड़ यात्रा को लेकर भी संबंधित जनपदों से उनके स्तर पर की जा रही तैयारियों को लेकर यूएसडीएमए के विशेषज्ञों से चर्चा की। उन्होंने चिकित्सा शिविरों की क्षमता, जल भराव से निपटने के लिए संसाधनों की उपलब्धता, विभिन्न स्नान घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर इंतजाम तथा शौचालयों की व्यवस्था को लेकर विस्तृत रिपोर्ट मंगवाने के निर्देश दिए। वहीं अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजकुमार नेगी ने बताया कि कांवड़ यात्रा को लेकर पुलिस और हरिद्वार जिला प्रशासन की एसओपी और प्लान का अध्ययन कर लिया गया है। यूएसडीएमए यात्रा के सफल संचालन के लिए संबंधित जिलों के अधिकारियों के साथ समन्वय बनाए हुए है। इस मौके पर एसईओसी के दिवस प्रभारी और आईईसी विशेषज्ञ मनीष भगत, विशेषज्ञ रोहित कुमार, डॉ. पूजा राणा, डॉ. वेदिका पंत, हेमंत बिष्ट, जेसिका टेरोन, तंद्रीला सरकार आदि मौजूद थे।
कांवड़ यात्रा की ड्रोन से निगरानी करेगा यूएसडीएमए
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण अपने नभनेत्र ड्रोन से कांवड़ यात्रा की निगरानी करेगा। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (प्रशासन) आनंद स्वरूप ने बताया कि ड्रोन चालक यूएसडीएमए को मिल चुके हैं। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ यात्रा मार्ग और प्रमुख स्थलों की इसके जरिये सतत निगरानी की जाएगी। साथ ही इसके जरिये आपदा प्रभावित क्षेत्रों में भूस्खलन, बाढ़ आदि की स्थिति की भी निगरानी की जाएगी। बता दें कि नभनेत्र अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। नभ नेत्र ड्रोन पूर्णतः ऑटोमेटिक है और रात को भी उड़ान भरने में सक्षम है और थर्मल कैमरा के जरिये रात में भी फोटो और वीडियो शूट कर सकता है। यूएसडीएमए के कंट्रोल रूम में इसकी लाइव स्ट्रीमिंग भी की जा सकेगी।