उत्तराखंड

जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज ने छेनी हथौड़ी, शिल्पकारों को सौंपकर सिद्धेश्वर महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार शुरू कराया।

जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज ने बीते बृहस्पतिवार को छेनी हथौड़ी शिल्पकारों को सौंपकर सिद्धेश्वर महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार भी शुरू कराया। इस दौरान ट्रस्ट से जुड़े सदस्यों ने पूरे विधि-विधान के साथ महादेव की पूजा-अर्चना भी की। जीर्णोद्धार के लिए आयोजित कार्यक्रम को धूमधाम से मनाया गया। इसमें देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालु भी शामिल हुए। कनखल स्थित जगद्गुरु शंकराचार्य आश्रम में स्थित सिद्धेश्वर महादेव मंदिर करीब साढ़े पांच हजार साल पुराना है। इस मंदिर के गर्भगृह से लेकर समूचे चबूतरे का विस्तार भी किया जाना है। यहां दो द्वार बनेंगे, इसमें एक प्रवेश के लिए और एक निकास के लिए भी होगा। राजस्थानी शैली में बनने वाले इस मंदिर में लाल पत्थर का इस्तेमाल भी किया जाएगा। श्रीजगद्गुरु न्यास के महामंत्री रविंद्र भदौरिया ने बताया कि स्वयं सिद्ध सिद्धेश्वर महादेव की आयु जर्मनी के वैज्ञानिकों ने साढ़े पांच हजार साल पूर्व का प्रमाणित भी किया है। भगवान शिव सृष्टि के अधिष्ठाता भी अधिपति हैं। उनके मंदिर के जीर्णोद्धार की आवश्यकता पड़ी, जिसे सभी ने सहमति देकर भी शुरू कराया है। इस संकल्प में मुख्य यजमान विजय कुमार व उनके सुपुत्र अमित कुमार शामिल हुए।

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