उत्तराखंड

उत्तराखंड : अब इन 3 शहरों के दूरस्थ क्षेत्रों में जल्द शुरू होगी ड्रोन मेडिकल सेवा

एक सप्ताह के भीतर ही हरिद्वार व रुड़की के दूरस्थ क्षेत्रों में ड्रोन के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी। एम्स की नियमित ड्रोन मेडिकल सेवा इन दोनों क्षेत्रों के लिए अब शुरू की जा रही हैं। इसके लिए एम्स प्रशासन ने सभी तैयारियां भी पूर्ण कर ली हैं। एम्स ऋषिकेश राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में ड्रोन के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध करा रहा है। जिसके लिए बीते फरवरी माह से नियमित ड्रोन मेडिकल सेवा शुरू की गई है। ड्रोन के माध्यम से दूरस्थ क्षेत्र में दवाइयां व ब्लड कंपोनेंट भेजे जा रहे हैं। उक्त सेवा को शुरू करने से पहले एम्स में कई ट्रायल भी किए। ट्रायल सफल रहने के बाद यह सेवा नियमित ही शुरू की गई है। अब एम्स प्रशासन नरेंद्र नगर, हरिद्वार व रुड़की के लिए भी यह सेवा शुरू करने जा रहा है। हरिद्वार में इस सेवा के लिए रामकृष्ण मिशन के साथ अनुबंध भी किया गया है। जबकि रुड़की में उपजिला चिकित्सालय के साथ मिलकर यह सेवा को संचालित की जाएगी। वहीं, नरेंद्र नगर में सीएचसी में यह सेवा संचालित भी की जाएगी। एम्स प्रशासन का कहना है कि इसके लिए रूट प्लान तैयार कर लिया गया है। एक सप्ताह के भीतर उक्त सभी स्थानों पर यह सेवा को शुरू कर दी जाएगी। एम्स ऋषिकेश मेडिकल ड्रोन सेवा नियमित ही शुरू करने वाला देश का पहला चिकित्सा संस्थान है। एम्स की नियमित ड्रोन मेडिकल सेवा से हिंडोलाखाल (टिहरी), नई टिहरी, फकोट, चंबा और यमकेश्वर क्षेत्र में दवाइयां व ब्लड कंपोनेंट पहुंचाए गए हैं। चंबा और न्यू टिहरी के लिए सबसे अधिक उड़ाने भरी गई हैं। एम्स प्रशासन का कहना है कि जल्द ही व अधिक स्थानों के लिए रूट मैप तैयार किया जा रहा है। वर्तमान में एम्स में नियमित ड्रोन मेडिकल सेवा के लिए दो ड्रोन भी उलब्ध हैं। ड्रोन की संख्या बढ़ाई जाएंगी। जिससे उड़ानों की संख्या बढ़ने के साथ ही नए स्थानों को भी सेवा से जोड़ा भी जाएगा। चारधाम यात्रा रूट पर उक्त सेवा को उपलब्ध कराए जाने के हर संभव प्रयास भी किए जा रहे हैं। इस सेवा में महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं की भूमिका भी अहम है। एम्स से जिस पहाड़ी स्वास्थ्य केंद्र में ड्रोन से दवाइयां आदि भेजी जाएंगी वहां ड्रोन से सामग्री भी उतारना या इस पर सामग्री चढ़ाने का कार्य महिलाएं ही करेंगी। इसके लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार और एनएचएसआरसी की ओर से प्रशिक्षण भी दिया गया है। भविष्य में यही महिलाएं ड्रोन उड़ाएंगी। इन महिलाओं को नमो ड्रोन दीदी का नाम भी दिया गया है। उक्त सेवा में दो महिलाएं पायलट के रूप में भूमिका भी निभा रही है। पायलट ममता रतूड़ी एम्स ऋषिकेश व पायलट पुष्पा चौहान चंबा में तैनात हैं। दोनों महिला पायलट को डीजीसीए से लाइसेंस भी प्राप्त है। एक सप्ताह के भीतर नरेंद्रनगर, हरिद्वार व रुड़की के लिए नियमित ड्रोन मेडिकल सेवा शुरू कर दी जाएगी। सभी तैयारियां भी पूर्ण कर ली गई हैं। – डॉ. जितेंद्र गैरोला, एम्स ड्रोन मेडिकल सेवा, नोडल अधिकारी I

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