उत्तराखंड में अतिवृष्टि और तेज हवाओं से 2600 हेक्टेयर से अधिक फसलें बर्बाद
Deprecated: preg_split(): Passing null to parameter #3 ($limit) of type int is deprecated in /home/u948756791/domains/doondarshan.in/public_html/wp-content/themes/jannah/framework/functions/post-functions.php on line 805
उत्तराखंड में हाल ही में हुई अतिवृष्टि और तेज हवाओं ने राज्य के किसानों पर कहर बरपाया है। राज्य के कई जिलों में गेहूं, जौ, मसूर, मटर व सरसों की फसलें भारी नुकसान की चपेट में आ गई हैं। कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 11 अप्रैल को हुई भारी बारिश से कुल 2664.59 हेक्टेयर क्षेत्र में खड़ी फसलें बर्बाद हो गईं।
रिपोर्ट के अनुसार, सबसे ज्यादा नुकसान टिहरी, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों में हुआ है। आंकड़ों पर नजर डालें तो:
- टिहरी: गेहूं, जौ, मटर और मसूर की 2514 हेक्टेयर फसलें नष्ट
- बागेश्वर: गेहूं, मसूर और सरसों की 90.11 हेक्टेयर
- पिथौरागढ़: गेहूं और मसूर की 26 हेक्टेयर
- रुद्रप्रयाग: गेहूं और जौ की 15.10 हेक्टेयर
- उत्तरकाशी: गेहूं की 10.80 हेक्टेयर
- चमोली: गेहूं की 8.58 हेक्टेयर
इसके अलावा, देहरादून और हरिद्वार जिलों में तेज हवाओं और बारिश की वजह से भी गेहूं की तैयार फसलें गिर गईं, जिससे किसानों को भारी नुकसान भी हुआ है। स्थानीय किसानों का कहना है कि उन्होंने महंगे बीज, जुताई व अन्य कृषि कार्यों पर हजारों रुपये खर्च किए थे, लेकिन फसल कटाई से ठीक पहले ही मौसम ने सारी मेहनत पर पानी फेर दिया।
किसानों की मांग है कि सरकार तत्काल राहत कार्य शुरू करे और नुकसान का मुआवजा प्रदान करे, ताकि वे अगली फसल की तैयारी भी कर सकें।





