दून शहर की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को बेहतर व आधुनिक बनाने के लिए मेट्रो नियो प्रोजेक्ट पर सरकार अब खुद के संसाधनों से काम शुरू करने के बारे में विचार कर रही

दून शहर की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को बेहतर व आधुनिक बनाने के लिए मेट्रो नियो प्रोजेक्ट पर सरकार अब खुद के संसाधनों से काम शुरू करने के बारे में भी विचार कर रही है। इसके लिए हाईब्रिड एन्युटी मॉडल का विकल्प भी सामने आया है। इस मॉडल में कार्यदायी एजेंसी को परियोजना पर होने वाले खर्च का 40 प्रतिशत भुगतान भी कर दिया जाता है। इससे एजेंसी तत्काल काम भी शुरू कर सकती है।
बाकी का 60 फीसदी खर्च एजेंसी को खुद ही वहन करना होता है। पिछले लंबे समय से राज्य सरकार मेट्रो नियो प्रोजेक्ट के लिए केंद्र से वित्तीय सहायता की उम्मीद में भी है, जो अब तक पूरी ही नहीं हो पाई है। पिछले दिनों उत्तराखंड मेट्रो रेल अर्बन इंफ्रास्ट्रक्टर एंड बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन लिमिटेड (यूकेएमआरसी) के निदेशक मंडल की बैठक में मेट्रो नियो प्रोजेक्ट के मुद्दे पर गहन चर्चा भी हुई व हाईब्रिड एन्युटी मॉडल पर काम शुरू करने के विकल्प भी सुझाया गया।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई इस बैठक का कार्यवृत्त भी जारी हो चुका है। इसके मुताबिक, हाईब्रिड एन्युटी मॉडल के विकल्प पर निर्णय बोर्ड की आगामी बैठक में होने की संभावना भी है, लेकिन जो विचार सामने आया है, उससे ठंडे बस्ते में ही माना जा रहा कि मेट्रो नियो प्रोजेक्ट पर काम शुरू होने की संभावना भी दिखाई दे रही है। बता दें कि इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की डीपीआर भी तैयार हो चुकी है व राज्य सरकार भी इसे जनवरी 2022 को मंजूरी दे चुकी है।
इसे आवास और शहरी विकास मंत्रालय को मंजूरी के लिए भेजा गया था। इस प्रोजेक्ट पर 2,410 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान भी है। हालांकि, बोर्ड ने निगम प्रबंधन को वाह्य सहायतित योजना के विकल्प पर विचार करने का सुझाव भी दिया है।
| गलियारा | लंबाई किमी में | स्टेशन |
| उत्तर-दक्षिण आईएसबीटी से गांधी पार्क | 8.5 | 10 |
| पूर्व-पश्चिम एफआरआई से रायपुर | 13.9 | 15 |
| कुल | 22.4 | 25 |
हरिद्वार पुनर्निर्माण गलियारा परियोजना फाइनल होने तक हरकी पैड़ी से चंडी देवी तक रोपवे परियोजना स्थगित ही रहेगा। यह रोपवे हरकी पैड़ी से चंडी देवी तक बनाया जाना है, लेकिन सरकार हरिद्वार पुनर्निर्माण परियोजना का मास्टर प्लान को अंतिम रूप देने की भी तैयारी में है। हितधारकों से चर्चा के बाद मास्टर प्लान भी तैयार हो जाएगा। चूंकि, इस परियोजना में हरकी पैड़ी का क्षेत्र भी शामिल है, इसलिए रोपवे प्रोजेक्ट को फिलहाल तो स्थगित रखा गया है। अलबत्ता प्रोजेक्ट की निविदा की प्रक्रिया का कार्य भी जारी रहेगा। बोर्ड बैठक में बताया गया कि ऋषिकेश में त्रिवेणी घाट से नीलकंठ रोपवे परियोजना के लिए टेंडर की प्रक्रिया इसी माह शुरू हो जाएगी।
देहरादून शहर के लिए पीआरटी सिस्टम के प्रस्ताव बनाने का कार्य प्रगति पर है। इसके लिए जियोटेक्निकल सर्वे का कार्य भी पूरा हो चुका है व टोपोग्राफिक सर्वे का कार्य चल रहा है। इसी माह इसकी डीपीआर तैयार होने की संभावना है।




