राज्य गठन के बाद उत्तराखंड की राजनीतिक जमीन पर पिछले 20 वर्षों में हुए चार लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 33 फीसदी वोटों का इजाफा कर लंबी छलांग भी लगाई। साल 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के हाथों करारी शिकस्त खाने के बाद बीजेपी ने अपनी सांगठनिक ताकत को न सिर्फ बढ़ाया, बल्कि चुनावी रणनीति को लगातार धार भी दी। इसका परिणाम यह रहा कि साल 2009 के लोकसभा चुनाव में उसका जो वोट प्रतिशत 28 फीसदी के आसपास सिमट गया था, साल 2019 के लोस चुनाव में उसे भी लंबी छलांग लगाते हुए 61 फीसदी तक पहुंचा दिया। सियासी जानकारों का मानना है कि बीजेपी ने हर चुनाव में सुनियोजित तरीके से बसपा, सपा व अन्य दलों के वोट बैंक में सेंध लगाकर अपना ग्राफ को बढ़ाया। अब वह साल 2024 के लोस चुनाव में नई रणनीति के साथ मैदान में उतरी है और इस बार उसके निशाने पर कांग्रेस का पारंपरिक वोट बैंक भी है। लगातार दो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस बेशक मात खा रही है फिर भी बीजेपी उसकी जड़ों को नहीं हिला पाई है। इसकी तस्दीक इस तथ्य से हो जाती है कि राज्य बनने के बाद अब तक हुए सभी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट प्रतिशत 30 फीसदी से कभी कम ही नहीं रहा। साल 2024 के लोस चुनाव में बीजेपी ने 75 फीसदी वोट हासिल करने का लक्ष्य भी रखा है। यानी उसका साल 2019 की तुलना में 14 फीसदी वोट बढ़ाने का इरादा है। इसे संकल्प को पूरा करने के लिए उसने कांग्रेस के पारंपरिक वोट बैंक सेंध लगाने की रणनीति भी बनाई है, इसलिए लोकसभा चुनाव आते ही उसने कांग्रेस को मुख्य निशाने पर रखते हुए उसके जनाधार वाले नेताओं को पार्टी में शामिल कराने का अभियान भी छेड़ा है। अभियान के तहत बीजेपी ने टिहरी और गढ़वाल लोस सीटों पर कांग्रेस को बड़े झटके भी दिए हैं। टिहरी लोस में गंगोत्री के पूर्व विधायक विजयपाल सिंह सजवाण व पुरोला के पूर्व विधायक मालचंद को बीजेपी की सदस्यता दिलाने के बाद गढ़वाल सीट पर उसने बदरीनाथ के कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी को भी पार्टी से जोड़ दिया है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बीजेपी ने कांग्रेस के हर उस नेता को टारगेट किया, जिसका अपने क्षेत्र विशेष में आधार भी है। सियासी हलकों में यह चर्चा खासी गर्म है कि आने वाले दिनों में पार्टी के कुछ विधायक व बड़े नेता बीजेपी की सदस्यता लेंगे। बीजेपी को लगता है कि कांग्रेस के इन नेताओं के पार्टी में आने से उसका 75 प्रतिशत वोट हासिल करने का लक्ष्य प्राप्त करने में आसानी भी होगी। बीजेपी साल 2024 के लोस चुनाव में नरेंद्र मोदी को फिर से पीएम बनाए जाने के संकल्प के साथ उतरी है। पिछले 5 लोस चुनाव के नतीजों का विश्लेषण करने के बाद यह तथ्य सामने आता है कि साल 2009 के लोस चुनाव में 28.29 फीसदी वोटों तक सिमटी बीजेपी के वोट बैंक में 33.37 प्रतिशत की इजाफा भी हुआ है। साल 2004 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी 40.98 प्रतिशत वोट लिए थे। साल 2014 के लोस चुनाव में उसका वोट बैंक बढ़कर 55.93 प्रतिशत तक हो गया। साल 2019 लोस चुनाव में यह 61.66 प्रतिशत तक भी पहुंच गया।
2004 से 2019 तक वोट प्रतिशत की ये है स्थित
दल सीटें वोट प्रतिशत
बीजेपी 03 40.98
कांग्रेस 01 38.31
बसपा 0 6.77
अन्य 0 13.98
साल 2009 वोट प्रतिशत
दल सीटें वोट प्रतिशत
बीजेपी 0 28.29
कांग्रेस 05 36.11
बसपा 0 12.75
अन्य 0 22.85
साल 2014 वोट प्रतिशत
दल सीटें वोट प्रतिशत
बीजेपी 05 55.93
कांग्रेस 00 34.40
बसपा 00 4.78
अन्य 00 4.89
साल 2019 वोट प्रतिशत
दल सीटें वोट प्रतिशत
बीजेपी 05 61.66
कांग्रेस 00 31.73
बसपा 00 4.52
अन्य 00 2.09