इस देश में बांटी गई 60,000 हनुमान चालीसा, वजह जानकर चौंक जाएंगे, ये देश हैरान कर देगा!
दक्षिण अफ्रीका में हिंदू संगठन की पहल: 60,000 हनुमान चालीसा पुस्तिकाएं और दो टन सामान वितरित
दक्षिण अफ्रीका के एक प्रमुख हिंदू संगठन, एसए हिंदूज ने देशभर के आठ मंदिरों में 60,000 हनुमान चालीसा की छोटी पुस्तिकाएं वितरित की हैं। इस अभियान का नेतृत्व गौतेंग प्रांत के विभिन्न बाइकिंग क्लबों के सदस्य और एसए हिंदूज संगठन ने मिलकर किया। रविवार को आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान, उन्होंने लगभग दो टन किराने का सामान भी एकत्र किया और जरूरतमंदों तक पहुंचाया।
एसए हिंदूज संगठन की संस्थापक पंडिता लुसी सिगबन ने पीटीआई से बातचीत में कहा, “हम भाग्यशाली हैं कि हमें मंदिरों में इतने सारे भक्तों को देखने का अवसर मिला। खासकर क्वाज़ुलु-नताल (KZN) जैसे पड़ोसी प्रांतों से कई लोग आए और इस अभियान का पूरे जोश के साथ समर्थन किया।”
भक्तों का आभार व्यक्त किया
सिगबन ने कहा, “हम उन सभी मंदिरों के नेतृत्व और भक्तों के आभारी हैं, जिन्होंने इस अभियान में हिस्सा लिया और जरूरतमंदों को किराने का सामान देकर उनके जीवन को बेहतर बनाने में मदद की।”
“एक मिलियन हनुमान चालीसा पहल” की शुरुआत
इससे पहले, 24 अगस्त 2024 को दक्षिण अफ्रीका के हिंदुओं ने भक्ति उत्सव के दौरान “एक मिलियन हनुमान चालीसा पहल” की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य 2029 तक एक मिलियन हनुमान चालीसा पुस्तिकाएं वितरित करना है। इस पहल के तहत, दक्षिण अफ्रीका के हिंदू समुदाय को आध्यात्मिक ज्ञान और सेवा के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है।
शेरेनो प्रिंटर्स के मालिक निरन सिंह का बयान
शेरेनो प्रिंटर्स के मालिक निरन सिंह ने इस पहल पर कहा, “हम इस पहल का हिस्सा बनकर गर्व महसूस करते हैं, क्योंकि यह दक्षिण अफ्रीका के हिंदुओं के आध्यात्मिक ज्ञान और सेवा भाव को बढ़ावा देती है।”
समुदाय की एकजुटता का उत्सव
थ्रॉटल कलेक्टिव के सह-संस्थापक मृणाल भगवान ने भी इस पहल की सराहना की और कहा, “यह बहुत खुशी की बात है कि यह पहल समुदाय को एकजुट कर रही है। गौतेंग के बाइकिंग समुदाय ने बड़ी संख्या में आकर इस अभियान में भाग लिया और एकजुटता का संदेश दिया।”
“एक मिलियन हनुमान चालीसा” की पांच साल की योजना
दक्षिण अफ्रीका के हिंदू संगठन ने पिछले साल सितंबर में “एक मिलियन हनुमान चालीसा” परियोजना की घोषणा की थी, जिसके तहत अगले पांच वर्षों में 10 लाख हनुमान चालीसा की पॉकेट आकार की प्रतियां मुफ्त में वितरित की जाएंगी। पंडिता लुसी सिगबन ने कहा था, “हम इस कार्यक्रम का आयोजन आध्यात्मिक विकास, सामुदायिक सेवा और सांस्कृतिक संरक्षण को मनाने के लिए कर रहे हैं, जिसमें एक दर्जन से अधिक धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं।”




