देहरादून। राज्य निर्वाचन आयोग ने अब निकाय चुनाव में भाग लेने वाले उन प्रत्याशियों को नोटिस भी जारी किया है, जिन्होंने अभी तक अपने चुनावी खर्च का ब्योरा आयोग को ही नहीं सौंपा है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि यदि निर्धारित समय में संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया, तो ऐसे उम्मीदवारों के आगामी 3 वर्षों तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बार निकाय चुनाव से पूर्व अधिकतम निर्वाचन व्यय और लेखा परीक्षण आदेश 2024 भी लागू किया था। इसके तहत नगर निगम, नगर पालिका व नगर पंचायत के चुनावों में उतरने वाले प्रत्याशियों को अपने चुनावी खर्च का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करना अनिवार्य भी किया गया था।
जिला स्तर पर हुई जांच, मिली अनियमितताएं
निर्वाचन आयोग द्वारा नामित लेखा परीक्षकों और जिला निर्वाचन अधिकारियों ने प्रत्याशियों द्वारा दिए गए खर्च विवरणों की जांच भी की। जांच के दौरान कई प्रत्याशियों द्वारा खर्च का विवरण न देने या गलत जानकारी देने के मामले भी सामने आए। इन मामलों की रिपोर्ट राज्य निर्वाचन आयोग को भी भेज दी गई है, साथ ही इसकी एक प्रति प्रशासनिक कार्यालयों के नोटिस बोर्ड पर भी सार्वजनिक भी की गई है।
20 दिन में देना होगा जवाब
राज्य निर्वाचन आयोग ने ऐसे सभी प्रत्याशियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर 20 दिनों के भीतर जवाब देने का निर्देश भी दिया है। आयोग के सचिव राहुल गोयल ने बताया कि नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और कुछ जिलों से रिपोर्ट आना अभी बाकी है।
“यदि प्रत्याशियों का जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया, तो उनके खिलाफ तीन साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की कार्रवाई की जाएगी,” – राहुल गोयल, सचिव, राज्य निर्वाचन आयोग।
इस कार्रवाई को चुनावी पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। आयोग ने सभी प्रत्याशियों को चेतावनी दी है कि निर्वाचन व्यय नियमों का उल्लंघन गंभीर मामला भी है, और भविष्य में भी इस पर सख्त निगरानी भी रखी जाएगी।




