उत्तराखंड में 91 पॉक्सो पीड़िताओं को मिला राहत का सहारा, ‘प्रवर्तकता’ योजना के तहत हर माह ₹4000 की मदद
देहरादून | उत्तराखंड में यौन उत्पीड़न की घटनाओं से प्रभावित बच्चियों को राहत देने के उद्देश्य से भी चलाई जा रही ‘प्रवर्तकता’ आर्थिक सहायता योजना के तहत अब तक 91 पीड़िताएं भी शामिल की जा चुकी हैं। महिला एवं बाल कल्याण विभाग की इस पहल के अंतर्गत इन बच्चियों को 18 वर्ष की उम्र तक हर माह ₹4000 पोषण भत्ता के रूप में दिया जाएगा।
बाल कल्याण समिति के सत्यापन के बाद मिलती है सहायता
महिला एवं बाल कल्याण विभाग की उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी अंजना गुप्ता ने बताया कि यह योजना पॉक्सो (POCSO) अधिनियम के अंतर्गत दर्ज मामलों की पीड़ित लड़कियों को राहत देने के लिए शुरू भी की गई है। योजना का लाभ केवल उन्हीं बच्चियों को मिलेगा, जिनका सत्यापन बाल कल्याण समिति (CWC) द्वारा ही किया गया हो।
देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में सबसे अधिक लाभार्थी
राज्य के विभिन्न जिलों में इस योजना का दायरा लगातार भी बढ़ रहा है। सबसे ज्यादा मामले देहरादून, हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर से सामने आए हैं, जहां जरूरतमंद पीड़िताओं को इस योजना से जोड़ा भी गया है।
किशोर न्याय अधिनियम के तहत सुरक्षा और देखभाल का प्रयास
‘प्रवर्तकता’ योजना का उद्देश्य केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि यौन अपराधों की पीड़ित बच्चियों को उचित देखभाल, संरक्षण व पुनर्वास भी है। यह सहायता न्यायालय द्वारा आदेशित विधिक सेवा प्राधिकरण की मदद से अलग और स्वतंत्र रूप से भी दी जाती है।




