
देहरादून – उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (STF) व रामनगर पुलिस ने संयुक्त अभियान में एक बड़ी सफलता हासिल की है। ₹10,000 के इनामी कुख्यात अपराधी व शूटर गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी को रामनगर क्षेत्र से गिरफ्तार भी किया गया है। यह अपराधी उत्तराखंड और पंजाब के कुल 4 न्यायालयों द्वारा भगोड़ा घोषित किया जा चुका था और पिछले 5 वर्षों से फरार ही था।
2016 और 2017 के चर्चित मामलों में था वांछित
गुरप्रीत सिंह वर्ष 2016 में रुद्रपुर में हुए छोटे लाल प्रधान की कॉन्ट्रैक्ट किलिंग व 2017 में रामनगर में पुलिस पर जानलेवा हमले के मामलों में शामिल भी रहा है। इन मामलों में कोर्ट से भगोड़ा घोषित होने के बाद वह विदेश भी भाग गया था।
पुलिस मुख्यालय का विशेष अभियान रंग लाया
उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ के निर्देश पर चल रहे इनामी व भगोड़े अपराधियों के खिलाफ अभियान के तहत इस गिरफ्तारी को अंजाम भी दिया गया। एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर ने इस मिशन की कमान संभाली। पुलिस उपाधीक्षक आर.बी. चमोला के पर्यवेक्षण में कुमाऊं यूनिट ने रामनगर पुलिस के साथ मिलकर गुरप्रीत को दबोचने के लिए ज्वाइंट ऑपरेशन भी चलाया।
कैसे हुई गिरफ्तारी?
बीते एक माह से तकनीकी व जमीनी सूचनाओं का विश्लेषण करते हुए एसटीएफ की टीम ने अपराधी की गतिविधियों को ट्रैक भी किया।
आज दोपहर रामनगर क्षेत्र में गुरप्रीत की मौजूदगी का इनपुट मिलते ही रामनगर पुलिस को साथ लेकर नाकेबंदी व घेराबंदी की गई। योजनाबद्ध तरीके से जाल बिछाया गया और आखिरकार उसे गिरफ्तार कर कोतवाली रामनगर में लाया गया।
लंबा आपराधिक इतिहास
गिरफ्तार अपराधी गुरप्रीत सिंह के खिलाफ:
- उत्तराखंड के रुद्रपुर और रामनगर
- पंजाब के मोहाली और अमृतसर
में हत्या, हत्या के प्रयास, गैंगस्टर एक्ट व आर्म्स एक्ट के कुल 6 मुकदमे दर्ज हैं। जमानत पर बाहर आने के बाद वह फरार हो गया था, जिससे 4 न्यायालयों ने उसे भगोड़ा भी घोषित किया था।
पुलिस की तत्परता सराहनीय
गिरफ्तारी के बाद उत्तराखंड व पंजाब के संबंधित थानों को सूचित भी कर दिया गया है। उत्तराखंड पुलिस की यह कार्रवाई प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने की दिशा में एक बड़ी कामयाबी भी मानी जा रही है।