रेलवे सुरंग निर्माण से संकट: श्रीनगर में मकानों में दरारें, 12 परिवार बेघर

श्रीनगर। ऋषिकेश–कर्णप्रयाग–बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर घसिया महादेव के पास बन रही रेलवे सुरंग ने स्थानीय लोगों की मुसीबतें ही बढ़ा दी हैं। टीचर कॉलोनी के कई मकानों की दीवारों व फर्शों में दरारें भी उभर आई हैं। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि करीब 12 परिवार व दर्जनों किरायेदारों को घर खाली कर खुले आसमान तले ही रहना पड़ रहा है। महिलाएं व बच्चे सबसे ज्यादा परेशानी भी झेल रहे हैं।
दरारें बढ़ने से दहशत
स्थानीय लोगों का कहना है कि दरारें लगातार ही चौड़ी हो रही हैं। उन्हें आशंका है कि अगर तुरंत कदम नहीं उठाए गए तो बड़ा हादसा भी हो सकता है। डर के माहौल में लोग रातें भी जागकर गुजार रहे हैं।
पुनर्वास योजना पर सवाल
लोगों ने आरोप लगाया कि करोड़ों की लागत से हो रहे सुरंग निर्माण में रेलवे विकास निगम ने प्रभावित परिवारों की सुरक्षा व पुनर्वास पर कोई ध्यान ही नहीं दिया। न तो कोई तकनीकी टीम मौके पर पहुंची व न ही निगम के अधिकारी स्थिति का जायजा भी लेने आए।
सर्वे करेगी जियोलॉजिस्ट टीम
रेलवे विकास निगम प्रबंधक विनोद बिष्ट ने बताया कि
भूवैज्ञानिकों की एक टीम जल्द ही क्षेत्र का सर्वे भी करेगी। सर्वे के बाद ही दरारों व भूधंसाव का वास्तविक कारण स्पष्ट होगा और उसी आधार पर आगे की कार्रवाई भी की जाएगी।
स्थानीय लोगों की मांगें
- प्रभावित परिवारों के लिए तत्काल सुरक्षित ठहरने की व्यवस्था की जाए।
- क्षतिग्रस्त मकानों का सर्वे कर उचित मुआवजा दिया जाए।
- जिम्मेदार एजेंसियों पर कार्रवाई की जाए।
- भविष्य में सुरंग जैसे बड़े प्रोजेक्ट से पहले भूवैज्ञानिक अध्ययन अनिवार्य किया जाए।
सड़क पर उतरने की चेतावनी
ग्रामीणों ने कहा कि
अगर जल्द राहत व मुआवजे की घोषणा नहीं हुई तो वे सामूहिक आंदोलन के लिए बाध्य भी होंगे।
स्थानीय निवासी वासुदेव कंडारी ने बताया कि घरों की दीवारें किसी वक्त भी गिर सकती हैं। मजबूरी में बच्चों के साथ बाहर ही सोना पड़ रहा है, बरसात में हालात और भी बिगड़ जाएंगे।