
खटीमा: नेशनल हाइड्रोइलेक्टिक पावर कॉरपोरेशन (NHPC) के रिटायर्ड मैनेजर 18 लाख रुपए की साइबर ठगी का शिकार भी हो गए। खटीमा कोतवाली क्षेत्र के चकरपुर निवासी पीड़ित ने बताया कि 4 सितंबर 2025 को उन्हें फोन आया व डिजिटल माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग के नाम पर डराया भी गया। कॉल करने वाले ने दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार उनके खातों की जांच भी की जा रही है और आरटीजीएस के जरिए 18 लाख रुपए इन्डसीन्ड बैंक, गोमती नगर के खाते में ट्रांसफर करने को भी कहा। दबाव में पीड़ित ने 6 सितंबर को यह राशि ट्रांसफर कर दी, जिसके बाद उन्हें एहसास हुआ कि वह ठगी का शिकार ही हो गए हैं।
पीड़ित ने तुरंत खटीमा कोतवाली में तहरीर भी दी। पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच भी शुरू कर दी है। साइबर सेल ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी के खाते को होल्ड भी करवा दिया है।
कोतवाल मनोहर सिंह दसौनी ने कहा:
“पीड़ित की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर जांच भी शुरू कर दी गई है। आम जनता से अपील है कि डिजिटल ठगी से सतर्क रहें व किसी अज्ञात व्यक्ति के झांसे में न आएं।”
हल्द्वानी: ऑनलाइन शॉपिंग में भी साइबर ठगी का एक और मामला सामने आया। बेड़ापोखरा की एक महिला ने मीशो से लेडीज सलवार सूट खरीदा, जो फिट नहीं आया। जब उन्होंने रिफंड के लिए कंपनी के नंबर पर संपर्क भी किया, तो गूगल पर मिले नंबर से उन्हें व्हाट्सएप कॉल करने को भी कहा गया। स्क्रीन शेयर व कुछ जानकारी देने के बाद जालसाजों ने महिला के बैंक खाते से चार ट्रांजेक्शन में कुल 1,49,775 रुपये ही उड़ा लिए।
कोतवाल राजेश कुमार यादव ने कहा:
“महिला की तहरीर पर मामला दर्ज कर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को भी भेजा गया है। साइबर अपराधियों को जल्द गिरफ्तार भी किया जाएगा। लोगों से बार-बार अपील की जा रही है कि किसी अनजान व्यक्ति से लिंक, OTP या बैंक विवरण साझा ही न करें।”
दोनों मामलों में पुलिस सक्रिय जांच भी कर रही है और साइबर ठगों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जा रही है।