नवरात्रों में श्रद्धा की उमड़ी गंगा: हरिद्वार स्थित मां मनसा देवी मंदिर में उमड़े श्रद्धालु
देशभर से श्रद्धालु पहुंच रहे मां मनसा देवी के दरबार, नवरात्रि में मंदिर में आस्था की लहर
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हरिद्वार: 22 नवंबर से शुरू हुए शारदीय नवरात्र के साथ ही संपूर्ण उत्तर भारत में देवी पूजा का पर्व पूरे श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जा रहा है। धर्मनगरी हरिद्वार के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक मां मनसा देवी मंदिर में इन दिनों श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। माता के दर्शन के लिए सुबह से ही लंबी कतारें लगनी शुरू हो जाती हैं।
मंदिर प्रांगण में घंटियों की गूंज, श्रद्धालुओं के जयकारे और भक्ति गीतों की स्वर लहरियां माहौल को आध्यात्मिक रंगों से भर रही हैं। 27 जुलाई को मंदिर में हुई भगदड़ की घटना के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में थोड़ी गिरावट आई थी, लेकिन नवरात्रों के पावन अवसर पर एक बार फिर मनसा देवी मंदिर में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है।
मनसा देवी मंदिर: शक्तिपीठ और आस्था का केंद्र
हरिद्वार शहर से लगभग 3 किलोमीटर दूर स्थित यह मंदिर शिवालिक पर्वत माला के बिल्वा पर्वत पर स्थित है। मां मनसा देवी को देवी दुर्गा का एक रूप माना जाता है। “मनसा” शब्द का अर्थ होता है — “मन की इच्छा”। ऐसा माना जाता है कि जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से माता की उपासना करता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है।
पौराणिक मान्यता और ऐतिहासिक महत्व
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, मां मनसा देवी ऋषि कश्यप और देवी कद्रु की पुत्री थीं। उन्हें नागराज वासुकी की बहन और ऋषि जगत्कारू की पत्नी भी बताया गया है। यह मंदिर उन 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है जहां मां शक्ति के अंगों का पतन हुआ था।
महिषासुर वध की कथा से जुड़ा है मंदिर का महत्व
धार्मिक मान्यता है कि महिषासुर नामक राक्षस ने जब देवताओं और पृथ्वी पर अत्याचार बढ़ा दिए थे, तब देवताओं ने मां दुर्गा की स्तुति की। मां ने एक भयानक युद्ध में महिषासुर का वध किया और देवताओं की मनोकामनाएं पूर्ण कीं। इसके बाद मां ने यही विश्राम स्थान चुना, जहां आज मां मनसा देवी का मंदिर स्थित है। इसी कारण माता के इस रूप को “मनसा देवी” कहा गया — जो मनोकामनाएं पूरी करें।
नवरात्रों में विशेष पूजा-अर्चना और भक्तों की भीड़
हर साल नवरात्रों में मां मनसा देवी के मंदिर में विशेष अनुष्ठान, कलश स्थापना, हवन-पूजन, भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है।
श्रद्धालु कई किलोमीटर पैदल चलकर या रोपवे (केबल कार) के माध्यम से मंदिर तक पहुंचते हैं। केबल कार सेवा नवरात्रों में विशेष रूप से सुचारु और व्यवस्थित रखी जाती है ताकि श्रद्धालुओं को असुविधा न हो।
मंदिर की सुरक्षा और व्यवस्थाएं चाक-चौबंद
पिछली भगदड़ की घटना से सबक लेते हुए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को पूरी तरह सुदृढ़ कर दिया है। मंदिर परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं , पुलिस और स्वयंसेवकों की अतिरिक्त तैनाती की गई है , प्रवेश और निकास मार्गों को वन-वे सिस्टम में बदला गया है, श्रद्धालुओं के लिए पीने का पानी, शौचालय, प्रसाद वितरण केंद्र, और प्राथमिक चिकित्सा केंद्र की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं।
देशभर से उमड़ी आस्था
नवरात्रों के इस पावन अवसर पर उत्तराखंड ही नहीं बल्कि दिल्ली, यूपी, बिहार, हिमाचल और राजस्थान जैसे राज्यों से भी श्रद्धालु परिवारों समेत दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। ट्रेनों, बसों और निजी वाहनों से हरिद्वार पहुंचने वाले श्रद्धालु मनोकामना पूर्ति के लिए मां के चरणों में शीश नवाने आते हैं।
मां मनसा देवी मंदिर – भक्ति, संस्कृति और विश्वास का संगम
मां मनसा देवी का मंदिर न केवल एक तीर्थ स्थल है बल्कि यह आस्था, इतिहास और संस्कृति का जीवंत प्रतीक है। नवरात्रों में यहां की धार्मिक ऊर्जा, सामूहिक आस्था और भक्ति का उत्सव हर किसी को भावविभोर कर देता है।





