देहरादून से बड़ी राजनीतिक खबर: हरक–त्रिवेंद्र की जुबानी जंग तेज
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देहरादून: उत्तराखंड की राजनीति में एक बार फिर हरक सिंह रावत व पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आमने-सामने हैं। दोनों नेताओं के बीच चली जुबानी तकरार ने सियासी माहौल भी गर्म कर दिया है।
त्रिवेंद्र का तंज:
पत्रकारों द्वारा हरक सिंह रावत के उस बयान पर सवाल पूछे जाने पर कि वे “बीजेपी में नहीं लौटेंगे, लेकिन नेताओं को तोड़ लाएंगे”, त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि हरक सिंह रावत अपने स्वभाव के अनुसार ही बातें भी करते हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि चुनाव आते-आते हरक कहां होते हैं, यह भी एक बड़ा सवाल है। “थोड़ा इंतजार कीजिए, आगे-आगे देखते हैं क्या होता है।”
हरक की पलटवार:
त्रिवेंद्र का बयान सुनते ही हरक सिंह रावत भड़क उठे। उन्होंने कहा कि कई चुनावों में उन्होंने अहम भूमिका भी निभाई है और अगर कभी कुछ लोगों को मैदान में उतरने का मौका मिलता, तो वे भी “अच्छों-अच्छों को घर भी बैठा देते।”
हरक ने कहा कि नगर पालिका से लेकर लोकसभा चुनाव तक उन्होंने सक्रिय भूमिका भी निभाई है। हरिद्वार लोकसभा टिकट न मिलने पर उन्होंने तंज कसते हुए कहा—“अगर मुझे मौका मिलता तो दिखा देता कि चुनाव कैसे लड़ा भी जाता है।”
त्रिवेंद्र पर साजिश का आरोप:
हरक सिंह रावत ने दावा किया कि फरवरी 2024 में ईडी की कार्रवाई भी उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश भी थी और इसके लिए उन्होंने सीधे-सीधे त्रिवेंद्र रावत को जिम्मेदार भी ठहराया।
हरक ने दी खुली चुनौती:
हरक सिंह रावत ने त्रिवेंद्र को सीधी चुनौती देते हुए कहा कि वे जिस विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे, हरक भी वहीं से मुकाबला भी करेंगे। “तब पता चल जाएगा कि किसे चुनाव लड़ना आता है,” हरक ने कहा।
दोनों नेताओं के बीच यह राजनीतिक तनातनी राज्य की सियासत में नई हलचल भी पैदा कर रही है।




