नए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल पर गरमाई सियासत, भाजपा–कांग्रेस में आरोप–प्रत्यारोप तेज
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देहरादून: उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कमान गणेश गोदियाल के हाथों में सौंपे जाने के बाद से प्रदेश की सियासत गर्म भी हो गई है। भाजपा ने नए अध्यक्ष को निशाने पर लेते हुए कांग्रेस पर आक्रामक तेवर भी अपनाए हैं, वहीं कांग्रेस नेता भी भाजपा को करारा जवाब देने में पीछे ही नहीं हैं।
धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक और देहरादून के पूर्व महापौर विनोद चमोली ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी आज संगठन नहीं, बल्कि “व्यक्तिगत वर्चस्व की लड़ाई” में ही उलझी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस में हर नेता अपने-आप में एक अलग पार्टी बनकर सत्ता व वर्चस्व के लिए संघर्ष कर रहा है। चमोली ने कहा कि कांग्रेस में गुटबाजी पुरानी परंपरा है और आगे भी बनी ही रहेगी।
उन्होंने दावा किया कि भाजपा संगठन आधारित पार्टी है, जहां व्यक्ति नहीं, संगठन सर्वोपरि भी होता है। वहीं कांग्रेस में जब भी कोई नेता उभरता है, वह अपने हितों की रक्षा में ही लग जाता है। भाजपा विधायक ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी यह स्वीकार कर चुके हैं कि कांग्रेस के खिलाफ भाजपा का सोशल मीडिया तंत्र बेहद ही मजबूत है, जो विपक्ष की कमियों को जल्दी ही उजागर कर देता है।
भाजपा के इन आरोपों पर कांग्रेस ने भी पलटवार किया है। धारचूला से कांग्रेस विधायक हरीश धामी ने कहा कि कांग्रेस में हर नेता को अपनी बात खुलकर रखने का अधिकार भी है, जबकि भाजपा में केवल दिल्ली व नागपुर के आदेश ही चलते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के बड़े नेताओं—जैसे बिशन सिंह चुफाल और अरविंद पांडे—ने जब अपनी राय रखी तो अगले ही दिन उन्हें पद से ही हटाया गया, जो भाजपा की कार्यप्रणाली को भी दर्शाता है।
धामी ने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में फैले भ्रष्टाचार को कांग्रेस आगामी विधानसभा सत्र में जोरदार तरीके से भी उठाएगी। उन्होंने दावा किया कि 2027 के विधानसभा चुनाव में गणेश गोदियाल, हरीश रावत, करन माहरा, प्रीतम सिंह व हरक सिंह जैसे नेताओं के नेतृत्व में कांग्रेस उत्तराखंड में एक बार फिर 2002 की तरह सत्ता में वापसी भी करेगी।
नए अध्यक्ष के कार्यभार संभालते ही प्रदेश में भाजपा व कांग्रेस के बीच सियासी घमासान और तेज हो गया है, जिसे आगामी चुनावी समीकरणों के लिहाज से बेहद अहम भी माना जा रहा है।




