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हल्द्वानी में जल निगम की उच्च बिलिंग समस्या, स्मार्ट मीटर से बढ़ी पानी की लागत

हल्द्वानी में जल निगम के उपभोक्ताओं को अधिक बिल चुकाना पड़ रहा है। 20 किलोलीटर (20 हजार लीटर) पानी खर्च करने पर एक माह का पानी का बिल 229 रुपये आ रहा है जबकि इससे अधिक पानी खर्च होने पर उपभोक्ताओं को 16.56 प्रति किलोलीटर के हिसाब से पैसा देना पड़ रहा है।

शहर के पैरी अर्बन इलाकों में जल निगम विश्व बैंक परियोजना ईकाई तीन योजनाएं संचालित कर रहा है। परियोजना का मकसद पेयजल संरक्षण को बढ़ावा देना है। जल निगम ने पानी के अनियंत्रित दोहन को कम करने के लिए तल्ली हल्द्वानी, कुसुमखेड़ा और गौजाजाली में सभी घरों में स्मार्ट मीटर लगाए हैं। प्रतिमाह 20 किलोलीटर से कम पानी खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को जल संस्थान के मुकाबले बिल कम आ रहा है जबकि पानी के अनियंत्रित दोहन करने वालों को कई गुना अधिक बिल चुकाना पड़ रहा है। जल संस्थान के उपभोक्ताओं का तीन माह का पानी का फिक्स चार्ज नई दरों के हिसाब से 1124 रुपये है।

 

वार्ड 59 के निवर्तमान पार्षद रईस अहमद गुड्डू का कहना है कि जल निगम का पानी जल संस्थान के मुकाबले महंगा पड़ रहा है। वार्ड में 70 प्रतिशत से अधिक उपभोक्ताओं के तीन माह पानी का बिल 1500 से 5000 रुपये तक आ रहा है। वार्ड 44 के निवर्तमान पार्षद सुरेंद्र मोहन सिंह ने बताया कि पानी कम खर्च करने पर जल संस्थान के मुकाबले सस्ता पानी पड़ रहा है। अधिक खपत वाले उपभोक्ताओं को अधिक जल मूल्य चुकाना पड़ रहा है।

नगर निगम के सभी वार्डों में पेयजल उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगने हैं। वार्ड एक से 33 तक यूआईडीएफ योजना के तहत स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं। वार्ड 34 से 60 तक उत्तराखंड अर्बन सेक्टर डेवलपमेंट एजेंसी की ओर से स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।

पानी का अधिक उपयोग करने के कारण बिल अधिक आ रहा है। सभी घरों में स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं। निर्धारित दरों के हिसाब से ही बिलिंग की जा रही है।

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