उत्तराखंड

बिजली बिल वसूलने वाले कर्मचारियों की जान पर उपभोक्ता भारी पड़ रहे हैं, 6 माह में करीब 6 ऐसी घटनाएं

बिजली बिल वसूलने वाले कर्मचारियों की जान पर हरिद्वार जिले के उपभोक्ता अब भारी पड़ रहे हैं। हालात ये हैं कि 6 महीने में ही करीब 6 ऐसी घटनाएं हो चुकी, जिनमें वसूली टीम पर हमला भी हुआ है। 3 में तो मुकदमे भी दर्ज हो गया है। अब ऊर्जा निगम, शासन को इस संबंध में प्रस्ताव भी भेजेगा, ताकि यूपीसीएल अधिकारियों-कर्मचारियों को भी सुरक्षा मिल सके। वित्तीय वर्ष समापन की ओर है। यूपीसीएल ने भी प्रदेशभर में बकाया बिल वसूली का अभियान भी तेज कर दिया है। सूबे के बाकी हिस्सों में तो हालात ठीक हैं, लेकिन हरिद्वार जिले में बिल वसूली का काम बेहद ही जोखिम भरा बनता जा रहा है। गांवों में उपभोक्ताओं पर करोड़ों रुपए का बिल बकाया है, लेकिन यूपीसीएल के अफसर न तो वसूली कर पा रहे और न कनेक्शन काटने जैसी कार्रवाई कर पा रहे। करें भी कैसे…विजिलेंस टीम में ही एक भी पुलिस स्टाफ नहीं है। कई वर्ष से यूपीसीएल की विजिलेंस टीम बिना दरोगा ही चल रही है। पुलिस विभाग भी यहां केवल खानापूरी के नाम पर स्टाफ भेज रहा है। सब-इंस्पेक्टर के सभी 4 पद खाली पड़े हैं। लंबे समय से कोई सब-इंस्पेक्टर ही नहीं मिला है। डिप्टी एसपी का एक पद भी खाली है। विभाग को कई बार पत्र भेजकर 8 होमगार्ड की मांग रखी, लेकिन कोई सुनवाई ही नहीं हो रही है। हर बार घटना में यूपीसीएल कर्मचारी पिटते हैं। मुकदमा दर्ज होता है, लेकिन बिल की वसूली ही नहीं हो पाती। बकाया का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। बता दें कि भगवानपुर के सिकरोढ़ा में बिल वसूली के शिविर में बिजली कर्मियों से मारपीट भी हुई। इससे पहले रुड़की के एक अन्य गांव में भी जानलेवा हमला हुआ था। मुकदमा दर्ज हुआ था। रुड़की, हरिद्वार, भगवानपुर और आसपास के बिजली अधिकारी और कर्मचारी अब डरने लगे हैं। यूपीसीएल के आला अफसर परेशान हैं। उनका कहना है कि एक तरफ बकाया वसूली का दबाव है, तो दूसरी ओर कर्मचारियों का डर भी। इस वजह से अभियान में बाधा पैदा हो ही रही है। यूपीसीएल के निदेशक संचालन एमआर आर्य ने लगातार बिजली टीमों पर हो रहे हमले पर चिंता भी जताई है। स्वीकार भी किया कि अपेक्षाकृत सुरक्षा प्राप्त नहीं हो पा रही है। इसके लिए निगम प्रबंधन की ओर से शासन और पुलिस को प्रस्ताव भी भेजा जाएगा, ताकि बिल वसूली के दौरान स्थानीय पुलिस भी सुरक्षा समय से उपलब्ध कराए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Doon Darshan