फर्जी डिग्री से शिक्षक बना, कोर्ट ने सुनाई 5 साल की जेल और ₹10 हजार जुर्माने की सजा
आख़िरकार फर्जी डिग्री का खुलासा: शिक्षक को पांच साल की जेल
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देहरादून। जनता इंटर कॉलेज देवनगर में बीएड की फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी करने वाले शिक्षक लक्ष्मण सिंह को कोर्ट ने अब दोषी करार देते हुए 5 वर्ष की कठोर सजा सुनाई है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अशोक सैनी की अदालत ने मंगलवार को यह फैसला सुनाते हुए दोषी पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
फैसले के बाद लक्ष्मण सिंह को न्यायिक अभिरक्षा में पुरसाड़ी जेल में भेज दिया गया है। अभियोजन पक्ष के अनुसार लक्ष्मण सिंह ने वर्ष 2003 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से बीएड की फर्जी डिग्री बनवाई व इसके आधार पर जनता इंटर कॉलेज देवनगर में सहायक अध्यापक की नौकरी भी हासिल की।
शिकायत मिलने पर विभाग ने मामले की जांच करवाई, जिसमें एसआईटी की रिपोर्ट में डिग्री फर्जी भी पाई गई। इसके बाद शिक्षा विभाग ने पहले शिक्षक को निलंबित किया व फिर बर्खास्त करते हुए पुलिस में मामला भी दर्ज कराया।
अब तक जिले में बीएड की फर्जी डिग्रियों के आधार पर नौकरी करने वाले कुल 26 शिक्षकों को जेल भी भेजा जा चुका है। शिक्षा विभाग और न्यायिक तंत्र की इस सख्त कार्रवाई को शिक्षा व्यवस्था की शुचिता बनाए रखने की दिशा में अहम कदम भी माना जा रहा है।




