उत्तराखंड

चमोली हिमस्खलन: बीआरओ अब मजदूरों के लिए सुरक्षित स्थान की तलाश में, नए स्थान पर बनाए जाएंगे कंटेनर

माणा हिमस्खलन के बाद माणा-माणा पास हाईवे चौड़ीकरण कार्य में देरी की संभावना

माणा में हाल ही में हुए हिमस्खलन के कारण माणा-माणा पास हाईवे के चौड़ीकरण कार्य में देरी भी हो सकती है। पहले इस कार्य को अक्टूबर 2027 तक पूरा किया जाना था, लेकिन अब इस घटना के बाद काम की रफ्तार धीमी पड़ने के भी आसार हैं। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने मजदूरों के ठहरने के लिए नए कंटेनर स्थापित करने की योजना भी बनाई है और इसके लिए माणा व बदरीनाथ के बीच सुरक्षित स्थान की तलाश शुरू कर दी है।

इस क्षेत्र में अभी भी 2 से 3 फीट तक बर्फ जमी हुई है, और जैसे ही बर्फ पिघलेगी, सबसे पहले मजदूरों के लिए नए कंटेनर स्थापित किए जाएंगे। पिछले 2 सालों से माणा गांव से माणा पास तक के हाईवे का सुधार व चौड़ीकरण कार्य चल रहा है, जिसे बीआरओ ने एक निजी फर्म को सौंपा है।

हिमस्खलन से क्षतिग्रस्त हुए कंटेनर

इस कार्य के लिए क्षेत्र में मजदूरों को ठहरने के लिए कंटेनर भी उपलब्ध कराए गए थे, जिनमें 8 कंटेनर और 1 शेल्टर माणा पास इंट्री गेट के पास स्थापित किया गया था। हिमस्खलन के दौरान ये सभी कंटेनर भी क्षतिग्रस्त हो गए। अगर मौसम साफ रहा, तो अप्रैल माह के अंत तक सीमा क्षेत्र में बर्फ पिघलने की उम्मीद है, जिसके बाद कार्य फिर से शुरू किया जा सकेगा।

बीआरओ कमांडर का बयान

बीआरओ के कमांडर कर्नल अंकुर महाजन ने कहा, “हम सुरक्षित स्थानों पर श्रमिकों के लिए कंटेनर स्थापित करेंगे व बर्फ पिघलने के बाद हाईवे चौड़ीकरण कार्य को फिर से शुरू कर दिया जाएगा।”

हिमस्खलन में घायल श्रमिकों का इलाज

माणा हिमस्खलन में फंसे कुल 54 श्रमिकों में से 46 को सुरक्षित बाहर निकाला गया, जबकि 8 श्रमिकों की बर्फ में दबने से मौत हो गई थी। गंभीर रूप से घायल 2 श्रमिकों को एम्स ऋषिकेश भेजा गया, और 44 श्रमिकों को सेना अस्पताल में भर्ती किया गया था। अब अस्पताल में केवल 4 श्रमिकों का इलाज जारी है, जबकि 40 श्रमिकों को छुट्टी दे दी गई है। ज्योतिर्मठ के एसडीएम चंद्रशेखर वशिष्ठ ने बताया कि चिकित्सकों की सलाह पर इन 4 श्रमिकों को जल्द ही घर भेज दिया जाएगा।

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