उत्तराखंड

मसूरी टैक्सी एसोसिएशन चुनाव में बवाल: प्रमाण पत्र न मिलने पर हंगामा, देर रात हुआ समाधान

मसूरी टैक्सी कार ऑनर एसोसिएशन के चुनाव के बाद रविवार रात शहर में तनावपूर्ण माहौल भी देखने को मिला। चुनाव संपन्न होने के बाद विजयी प्रत्याशियों को प्रमाण पत्र न मिलने से नाराज़ एसोसिएशन के सदस्यों ने निर्वाचन अधिकारियों को मतदान स्थल पर बंधक ही बना लिया। मामला देर रात तक चला और भारी हंगामे के बाद अधिकारियों ने लिखित प्रमाण पत्र जारी कर विवाद शांत भी किया।

10 साल बाद हुए चुनाव, भारी मतदान

एक दशक बाद आयोजित हुए इस चुनाव को लेकर टैक्सी यूनियन में जबरदस्त उत्साह भी देखा गया। 478 मतदाताओं में से 392 ने मतदान किया। मतदान सुबह 10 बजे से शाम 5:30 बजे तक भी चला। इसके बाद ही मतगणना शुरू हुई।

चुनाव परिणाम:

  • अध्यक्ष: वीरेंद्र सिंह पंवार (गुड्डू भाई) – 282 मत
  • महासचिव: राकेश सिंह कोटाल – 277 मत
  • उपाध्यक्ष: भीम सिंह कोटाल – 294 मत
  • सह सचिव: जसवीर सिंह – 236 मत
  • कोषाध्यक्ष: मंजीत सिंह – 277 मत
  • कार्यकारिणी सदस्य: रविंद्र सिंह (255), वीरेंद्र सिंह (247), शूरवीर सिंह (232)

विवाद की जड़ – प्रमाण पत्र देने से इनकार

विजयी प्रत्याशियों ने आरोप लगाया कि निर्वाचन अधिकारी जानबूझकर प्रमाण पत्र नहीं दे रहे थे, जबकि वीडियो रिकॉर्डिंग और परिणाम भी सार्वजनिक हो चुके थे। इसी के विरोध में एसोसिएशन के सदस्यों ने हंगामा किया और अधिकारियों को जाने से भी  रोक दिया।

वीरेंद्र सिंह पंवार, नवनिर्वाचित अध्यक्ष ने कहा:

“10 साल बाद चुनाव हुए हैं, फिर भी जीत का प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा। ये अस्वीकार्य है। चुनाव अधिकारियों का यह रवैया लोकतंत्र का भी अपमान है।”

चुनाव अधिकारी का पक्ष

चुनाव अधिकारी आशीष कुमार पांडे ने स्पष्ट किया कि –

“हमारे पास उप निबंधक के माध्यम से प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश हैं। प्रक्रिया पूरी कर ली गई है, सूची प्रोसीडिंग रजिस्टर में दर्ज है, लेकिन दबाव में प्रमाण पत्र नहीं दिया जा सकता।”

राजनीतिक हस्तक्षेप और साजिश की आशंका

मसूरी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गौरव अग्रवाल ने भी अधिकारियों पर सवाल उठाते हुए कहा:

“निर्वाचन अधिकारी गुमराह कर रहे हैं। प्रमाण पत्र जारी न करना नियमों के खिलाफ है और चुनाव में साजिश की भी बू आ रही है।”

भ्रष्टाचार के आरोप और हाईकोर्ट की लड़ाई

विजयी सदस्यों ने पूर्व पदाधिकारियों पर 10 वर्ष तक भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया। बताया गया कि चुनाव करवाने के लिए हाईकोर्ट में लंबी कानूनी लड़ाई भी लड़ी गई थी। अब नए पदाधिकारी भ्रष्टाचार की जांच और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की भी मांग कर रहे हैं।

चुनाव प्रक्रिया और सुरक्षा व्यवस्था

चुनाव फर्म्स, सोसाइटीज़ एंड चिट्स कार्यालय के अधिकारियों की निगरानी में संपन्न हुआ। वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी दिगंबर सिंह नेगी और प्रशासनिक अधिकारी आशीष कुमार पांडे की टीम के साथ, मसूरी पुलिस ने भी मौके पर सुरक्षा व्यवस्था संभाली।

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