चारधाम यात्रा ने बनाया नया रिकॉर्ड, बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होते ही शीतकालीन यात्रा की तैयारियां तेज
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बदरीनाथ धाम के कपाट मंगलवार को विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद भी कर दिए गए। इसके साथ ही चारों धामों के कपाट 6 माह के लिए बंद भी हो गए हैं। प्राकृतिक चुनौतियों के बावजूद इस वर्ष चारधाम यात्रा ने नया इतिहास रचते हुए रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं ने धामों के दर्शन भी किए।
यात्रा में इस वर्ष 4.35 लाख अधिक श्रद्धालु भी शामिल हुए। पिछले वर्ष जहाँ 46,69,074 तीर्थयात्री चारधाम पहुंचे थे, वहीं इस बार यह आंकड़ा बढ़कर 51,04,975 तक भी पहुंच गया।
केदारनाथ शीर्ष पर
चारधाम में सबसे अधिक श्रद्धालु केदारनाथ धाम पहुंचे, जहां इस वर्ष 17,68,795 यात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन भी किए।
इसके बाद
- बदरीनाथ: 16,60,224
- गंगोत्री: 7,57,010
- यमुनोत्री: 6,44,505 श्रद्धालु पहुंचे।
हेमकुंड साहिब यात्रा ने भी इस वर्ष नया रिकॉर्ड बनाया। यहां श्रद्धालुओं की संख्या पहली बार 2,74,441 भी पहुंची। पिछले वर्ष यह संख्या 1,85,972 थी।
अब शीतकालीन पूजा होगी शीतकालीन गद्दियों पर
कपाट बंद होने के बाद अब चारों धामों की पूजा उनके शीतकालीन प्रवास स्थलों पर ही होगी—
- बदरीनाथ भगवान: पांडुकेश्वर व नृसिंह मंदिर (ज्योतिर्मठ)
- केदारनाथ: ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ
- मां गंगा: मुखबा गांव
- मां यमुना: खरसाली गांव
सरकार अब शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा देने के लिए तैयारियों में जुट गई है।
सीएम धामी ने दिए निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस वर्ष चुनौतियों के बावजूद पिछले वर्ष से अधिक श्रद्धालु यात्रा पर पहुंचे, जो राज्य सरकार की बेहतर व्यवस्थाओं का परिणाम भी है। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा व सुविधाएं सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शीतकालीन प्रवास स्थलों पर ठहरने, परिवहन, व सुरक्षा व्यवस्थाओं को और अधिक मजबूत किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत केदारनाथ में हुए पुनर्निर्माण से यात्रियों की सुविधा में बड़ा सुधार भी दिखा है, और अब शीतकालीन यात्रा में भी इसी स्तर की व्यवस्था सुनिश्चित भी की जाएगी।




