दिल्ली में सीएम धामी ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव से की मुलाकात, पर्यावरणीय व जल विद्युत परियोजनाओं पर मांगा सहयोग
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नई दिल्ली/देहरादून। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को नई दिल्ली में केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से भेंट की। इस दौरान उन्होंने राज्य की कई महत्वपूर्ण जल विद्युत परियोजनाओं व पर्यावरणीय योजनाओं पर विस्तार से चर्चा भी की। सीएम ने इन परियोजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए केंद्र सरकार से आवश्यक सहयोग का आग्रह भी किया।
ऊर्जा आत्मनिर्भरता के लिए जल विद्युत परियोजनाओं को जरूरी बताया
सीएम ने कहा कि राज्य को अपनी बिजली की जरूरतें पूरी करने के लिए अन्य राज्यों और केंद्रीय पूल से ऊर्जा भी खरीदनी पड़ती है, जिससे आर्थिक बोझ बढ़ता है। उन्होंने बताया कि राज्य की ऊर्जा आत्मनिर्भरता, आर्थिक विकास व पलायन को रोकने के लिए पर्यावरण के अनुकूल जल विद्युत परियोजनाओं का निर्माण बेहद ही जरूरी है।
त्यूनी-प्लासू और सिरकारी भ्योल जैसी परियोजनाओं को मिली प्राथमिकता
सीएम धामी ने यमुना की सहायक टौंस नदी पर प्रस्तावित त्यूनी-प्लासू (72 मेगावाट) जल विद्युत परियोजना के लिए 47.547 हेक्टेयर वन एवं राजस्व भूमि के शीघ्र हस्तांतरण की मांग भी की। उन्होंने बताया कि गंगा नदी पर कई परियोजनाएं अटकी हुई हैं, ऐसे में यमुना, गौरीगंगा और धौलीगंगा जैसी नदियों पर नए विकल्प तलाशे भी जा रहे हैं।
कुमाऊं क्षेत्र की सिरकारी भ्योल-रुपसियाबगड़ (120 मेगावाट) परियोजना का भी उल्लेख करते हुए सीएम ने 29.997 हेक्टेयर वन भूमि के स्थानांतरण और पर्यावरणीय स्वीकृति की मांग भी की। उन्होंने इसे सामरिक, आर्थिक व सामाजिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण भी बताया।
धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने वाली योजनाएं भी एजेंडे में
मुख्यमंत्री ने त्रिवेणी घाट से नीलकंठ महादेव मंदिर तक रोपवे परियोजना को राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की अगली बैठक में अनुमोदन के लिए शामिल करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, ट्रैफिक दबाव घटेगा व स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
इसके अलावा, उन्होंने विश्व प्रसिद्ध बीटल्स आश्रम (चौरासी कुटिया) के पुनरुद्धार के लिए भी केंद्रीय सहयोग मांगा और बताया कि इससे योग और आध्यात्मिक पर्यटन को वैश्विक पहचान मिलेगी।
वनाग्नि पर जताई चिंता, मांगी ₹404 करोड़ की विशेष सहायता
मुख्यमंत्री ने राज्य में बढ़ती वनाग्नि की घटनाओं पर चिंता जताते हुए कैंपा योजना के तहत ₹404 करोड़ की विशेष वित्तीय सहायता की मांग भी की। उन्होंने कहा कि जंगलों की आग से पर्यावरण, वन संपदा व जैव विविधता को भारी नुकसान हो रहा है और इसके नियंत्रण के लिए 5 वर्षीय कार्य योजना की तत्काल जरूरत है।
केंद्रीय मंत्री ने दिए सकारात्मक संकेत
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने सीएम धामी द्वारा प्रस्तुत सभी प्रस्तावों पर सकारात्मक रुख दिखाते हुए हरसंभव सहयोग का आश्वासन भी दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार उत्तराखंड के विकास में हर स्तर पर सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध भी है।
यह बैठक राज्य की ऊर्जा जरूरतों और पर्यावरणीय संतुलन को साधने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी मानी जा रही है।




