सीएम पुष्कर सिंह धामी भैया दूज पर खटीमा पहुंचे, जनता से की मुलाकात और परिजनों संग मनाया पर्व

खटीमा : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गुरुवार को केदारनाथ से सीधे अपने गृह क्षेत्र खटीमा पहुंचे। हर वर्ष की भांति इस बार भी उन्होंने भैया दूज पर्व अपने परिजनों के साथ मनाया। सीएम के खटीमा पहुंचने पर लोहियाहेड हेलीपैड पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों, जिला अधिकारियों और बड़ी संख्या में मौजूद जनता ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
हेलीपैड पर पहुंचकर मुख्यमंत्री धामी ने जनप्रतिनिधियों व आमजन से मुलाकात की और क्षेत्र की समस्याओं को सुना। उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों को जनसमस्याओं के त्वरित समाधान के निर्देश भी दिए। इसके बाद सीएम धामी कार से अपने निज आवास नगरा तराई के लिए रवाना हो गए, जहां उन्होंने अपने परिवार के साथ भैया दूज पर्व पारंपरिक ढंग से मनाया। काशीपुर में भी भैया दूज का पर्व पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। बहनों ने अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना की, जबकि भाइयों ने बहनों को उपहार और मिठाई देकर उनके स्नेह का सम्मान किया।
दूर-दराज के शहरों से आई बहनों ने अपने भाइयों से मुलाकात कर तिलक और आशीर्वाद का यह पारंपरिक पर्व मनाया। दीपावली के बाद हर वर्ष की तरह गोवर्धन पूजा और भैया दूज का पर्व धार्मिक आस्था के साथ मनाया गया। पौराणिक मान्यता के अनुसार, कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने उनके घर पहुंचे थे। यमुना लंबे समय से अपने भाई के आगमन की प्रतीक्षा कर रही थीं। उन्होंने यमराज का स्वागत किया, उन्हें स्नान कराया, भोजन परोसा और उनकी दीर्घायु के लिए व्रत रखा।
यमराज उनकी भक्ति और स्नेह से प्रसन्न होकर बोले कि,
“जो भी भाई-बहन इस दिन साथ में यमुना में स्नान करेंगे, उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होगी और उनके जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहेगी।”
तभी से भैया दूज का यह पवित्र पर्व भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक बन गया।
एक अन्य कथा के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर राक्षस का वध करने के बाद इसी दिन द्वारका लौटकर अपनी बहन सुभद्रा से भेंट की थी। सुभद्रा ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया, तिलक किया और उनकी दीर्घायु की कामना की।




