
देहरादून: उत्तराखंड बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने मानसून सत्र के दौरान विपक्ष के व्यवहार पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि कांग्रेस ने जन मुद्दों को उठाने के बजाय सदन में सोकर लोकतांत्रिक मर्यादाओं को भी ठेस पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने कानून-व्यवस्था, आपदा राहत व विकास जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा करने की बजाय अपने खिलाफ दर्ज मुकदमों को लेकर हंगामा भी खड़ा किया।
भट्ट ने कहा कि जब उत्तराखंड राज्य के कई इलाके आपदा से जूझ रहे हैं, तब सीएम पुष्कर सिंह धामी और प्रशासन राहत कार्यों में जुटे हैं, लेकिन विपक्ष ने सदन को “राजनीति व व्यक्तिगत हितों” का मंच ही बना दिया। उन्होंने गैरसैंण सत्र में कांग्रेस विधायकों द्वारा तोड़फोड़ और वेल में प्रदर्शन की कड़ी निंदा भी की है।
प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि मानसून सत्र का उद्देश्य आपदाग्रस्त क्षेत्रों पर चर्चा कर प्रभावी नीति को बनाना था। उन्होंने कहा, “बेहतर होता यदि विपक्ष त्रासदी में जान गंवाने वालों के प्रति संवेदना व्यक्त करता और राहत कार्यों को लेकर सुझाव भी देता। लेकिन उन्होंने सदन की मर्यादा तार–तार कर अपनी अलोकतांत्रिक मांगें मनवाने की कोशिश भी की।”
भट्ट के प्रमुख आरोप
- विपक्ष ने आपदा, विकास व जनहित जैसे सवालों पर एक भी गंभीर चर्चा नहीं की
- कांग्रेस विधायक दिनभर हंगामा व रात में सदन में सोते रहे
- विपक्ष ने धर्मांतरण कानून को सख्त बनाने व अवैध मदरसों पर कार्रवाई संबंधी बिलों पर चर्चा से बचने की कोशिश भी की
- यशपाल आर्य सहित विपक्षी नेता अपने मामलों को वापस लेने के लिए सदन का दुरुपयोग भी कर रहे हैं
भट्ट ने कहा कि तमाम बाधाओं के बीच भी विधानसभा ने 5315 करोड़ का अनुपूरक बजट, कड़ा धर्मांतरण कानून, समान नागरिक संहिता संशोधन, व अल्पसंख्यक विधेयक जैसे महत्वपूर्ण विधेयक भी पारित कर दिए, जिसके लिए उन्होंने सीएम धामी का प्रदेशवासियों की तरफ से आभार भी व्यक्त किया।
अंत में उन्होंने कहा कि सदन सिर्फ हंगामा व राजनीति के लिए नहीं चल सकता, इसलिए कार्यमंत्रणा समिति द्वारा तय एजेंडा पूरा होने के बाद सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करना ही उचित भी था।




