देहरादून: डीएम सविन बंसल का माइक्रो प्लान — बिखरते बचपन को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने की अनोखी पहल

देहरादून: मुख्यमंत्री धामी के मार्गदर्शन और जिलाधिकारी सविन बंसल के दृढ़ संकल्प से उत्तराखंड में बाल भिक्षावृत्ति व बाल मजदूरी के खिलाफ एक मजबूत सामाजिक अभियान आकार ले रहा है। राज्य का पहला आधुनिक ‘इंटेंसिव केयर शेल्टर’, अब देहरादून के साधुराम इंटर कॉलेज में न सिर्फ बच्चों को सड़कों से रेस्क्यू कर रहा है, बल्कि उन्हें शिक्षा, तकनीक व सांस्कृतिक गतिविधियों के ज़रिए एक नई ज़िंदगी की उड़ान भी दे रहा है।
शिक्षा, संगीत व संस्कार से संवारा जा रहा भविष्य
यह आधुनिक शेल्टर अब उन बच्चों के लिए जीवन का नया द्वार भी बन चुका है, जिन्हें कभी भीख मांगने या मज़दूरी करने के लिए मजबूर भी किया गया था। अब ये बच्चे दिन की शुरुआत योग व गीत-संगीत से करते हैं और दिन भर शिक्षा, कंप्यूटर, नाटक, खेल गतिविधियों से जुड़कर सीखने के साथ-साथ जीवन जीने के नए मायने भी समझ रहे हैं।
सुविधाओं से सुसज्जित आधुनिक परिसर
शेल्टर में निजी स्कूलों जैसी सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं:
- आधुनिक कक्षा कक्ष
- कंप्यूटर लैब
- म्यूज़िक रूम
- खेल उपकरण
- स्वास्थ्य जांच और नियमित मेडिकल केयर
- बच्चों के लिए पोषण युक्त भोजन व्यवस्था
यह सब स्वयंसेवियों व विशेषज्ञ शिक्षकों की देखरेख में ही किया जा रहा है, जो बच्चों को योग, संगीत, नाटक, खेल व तकनीकी ज्ञान में पारंगत भी कर रहे हैं।
बढ़ रही है बच्चों की रुचि और संख्या
शेल्टर में दिन-प्रतिदिन बच्चों की संख्या बढ़ ही रही है, जो इस मॉडल की सफलता व जरूरत को भी दर्शाता है। डीएम सविन बंसल के माइक्रो प्लान ने एक ऐसा वातावरण भी तैयार किया है, जहां बच्चे खुद आगे बढ़कर शिक्षा की ओर कदम को बढ़ा रहे हैं।