उत्तराखंड

अमेरिकी टैरिफ बढ़ने से उत्तराखंड के निर्यातकों पर मंडराया संकट – फार्मा और एग्रो सेक्टर पर पड़ेगा गहरा असर

 देहरादून l अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर 25 प्रतिशत टैरिफ बढ़ाने के फैसले ने उत्तराखंड के उद्योगपतियों व निर्यातकों की चिंता बढ़ा दी है। विशेष रूप से फार्मा और एग्रो सेक्टर पर इस फैसले का सीधा असर देखने को भी मिल सकता है।

फार्मा और आयुर्वेद उत्पादों को लगेगा झटका

राज्य के प्रमुख उद्योगों में शामिल फार्मा सेक्टर से हर वर्ष 2 सौ से 3 सौ करोड़ रुपये की दवाइयों का निर्यात होता है। अमेरिका द्वारा लगाए गए नए “ट्रंप टैरिफ” के लागू होने से उत्तराखंड के दवा उद्योग को बड़ा नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।

हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर व देहरादून (सहसपुर-सेलाकुई) क्षेत्रों में स्थित 280 फार्मा यूनिट्स अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा में पिछड़ भी सकती हैं।
उत्तराखंड देश की फार्मा मैन्युफैक्चरिंग का 20% हिस्सा भी रखता है, और हर वर्ष लगभग 1500 करोड़ की दवाओं का उत्पादन भी करता है।

हर्बल और आयुर्वेद सेक्टर पर भी असर

उत्तराखंड से हर्बल, आयुर्वेद व कृषि आधारित उत्पादों का निर्यात भी होता है। PHDCII के उत्तराखंड अध्यक्ष हेमंत कोचर का कहना है कि टैरिफ बढ़ने से इन उत्पादों का एक्सपोर्ट भी निश्चित रूप से प्रभावित भी होगा। हालांकि इलेक्ट्रोप्लेटिंग उत्पादों पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा, लेकिन उत्तराखंड में इसका कारोबार नगण्य भी है।

निर्यात के आंकड़े और ग्रोथ

राज्य ने बीते दशक में निर्यात के क्षेत्र में जबरदस्त प्रगति की है:

  • 2011-12 में 3530 करोड़ का निर्यात, जो
  • 2023-24 में 14928 करोड़ तक पहुंचा
  • 2024-25 में अब तक 50 करोड़ का एक्सपोर्ट हो चुका है

एक्सपोर्ट प्रीपेयर्डनेस इंडेक्स-2020 में उत्तराखंड को हिमालयी राज्यों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनकारी राज्य भी घोषित किया गया था।

किन उत्पादों का होता है निर्यात?

उत्तराखंड से मुख्यतः निम्नलिखित उत्पादों का निर्यात होता है:

  • मोती, कीमती पत्थर और धातुएं
  • रासायनिक उत्पाद
  • हर्बल, कृषि और बागवानी उत्पाद
  • प्लास्टिक, रबर और मशीनरी उपकरण

क्या बोले विशेषज्ञ?

प्रमोद कलानी, अध्यक्ष – उत्तराखंड ड्रग्स मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन

“अमेरिका में टैरिफ बढ़ने से फार्मा उद्योग के लिए चुनौती भी बढ़ गई है। चीन व वियतनाम को कम टैरिफ के कारण वरीयता मिलेगी, जिससे हमारा निर्यात भी घटेगा।”

हेमंत कोचर, अध्यक्ष – PHDCCI उत्तराखंड

“हर्बल व आयुर्वेद उत्पादों की डिमांड तो है, लेकिन टैरिफ के कारण एक्सपोर्ट प्रभावित होना भी तय है।”

राज्य सरकार की तैयारी

प्रदेश सरकार ने लॉजिस्टिक और निर्यात नीति के तहत निर्यात बढ़ाने की रणनीति भी बनाई है। अब चुनौती है कि इन टैरिफ बाधाओं के बीच किस तरह उत्तराखंड अपने उद्योगों और उत्पादकों को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी भी बनाए रखे।

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