उत्तराखंड

उत्तराखंड परिवहन निगम स्टाफ की तत्परता से महाकुंभ के लिए जा रही 4 युवतियों की जान बची

प्रयागराज महाकुंभ में चार युवतियों की जान बचाई, बस स्टाफ और पुलिस की सक्रियता से सुरक्षित हुईं

देहरादून। उत्तराखंड परिवहन निगम के बस स्टाफ और उत्तर प्रदेश पुलिस की तत्परता से 4 युवतियों की जान महाकुंभ में स्नान के लिए प्रयागराज जाते समय बच गई। ये चारों युवतियां बेला कछार बस अड्डे से परिवहन निगम की वोल्वो बस पकड़ने के लिए 2 रैपिडो बाइक पर सवार हुईं थीं, लेकिन बाइक सवार युवक उन्हें संदिग्ध स्थानों पर ले गए, जिससे युवतियां भी घबराईं।

जब युवतियां निर्धारित समय पर बस तक नहीं पहुंची, तो परिचालक हेमराज ने फोन पर संपर्क भी किया। युवतियों ने बताया कि उन्हें असुरक्षित महसूस हो रहा है। इसके बाद परिचालक और चालक ने तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम को सूचित किया और युवतियों के मोबाइल नंबर की जानकारी भी दी। पुलिस ने सर्विलांस के माध्यम से चारों युवतियों को सकुशल बरामद किया और दोनों बाइक सवार युवकों को हिरासत में ले लिया।

युवतियां देहरादून से प्रयागराज पहुंची थीं शनिवार शाम

उत्तराखंड परिवहन निगम की वोल्वो बस (यूके07-पीए-4395) शनिवार शाम 5 बजे देहरादून से प्रयागराज के लिए रवाना हुई थी। बस रविवार सुबह 10 बजे बेला कछार बस अड्डे पहुंची, जहां से वह शाम 5 बजे देहरादून वापस लौटने वाली थी। इस बस की सभी 44 सीटें पहले ही ऑनलाइन बुक हो चुकी थीं, जिनमें से 40 यात्री समय पर बस तक पहुंच गए, लेकिन 4 युवतियां समय पर नहीं पहुंची।

परिचालक ने किया युवतियों से संपर्क

परिचालक हेमराज ने युवतियों के नाम की लिस्ट चेक की और उनके मोबाइल नंबर पर कॉल किया। युवतियों ने बताया कि वे बाइक से बस अड्डे तक पहुंचने वाली हैं, लेकिन एक घंटे तक नहीं पहुंचीं। फिर दूसरी बार संपर्क करने पर युवतियों ने बताया कि रैपिडो बाइक चालक उन्हें किसी संदिग्ध जगह ले जा रहा है और बाइक भी नहीं रोक रहा है।

पुलिस और कर्मचारियों की सक्रियता से युवतियां सुरक्षित

युवतियों की घबराई हुई आवाज सुनकर परिचालक और चालक ने तुरंत पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने 1 घंटे के भीतर युवतियों को सकुशल ढूंढ लिया और बस तक पहुंचाया। पुलिस ने दोनों बाइक सवारों को गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान बस के यात्रियों ने आरोपित युवकों की पिटाई भी की।

कर्मचारियों को मिलेगा सम्मान

परिवहन निगम के स्टेशन अधीक्षक अजित कुमार ने बताया कि बस चालक और परिचालक की सूझबूझ से 4 युवतियों की जान बचाई गई, अन्यथा कोई भी अनहोनी हो सकती थी। इस बहादुरी के लिए दोनों कर्मचारियों को सम्मानित किया जाएगा।

यात्रियों ने हंगामा किया, लेकिन बाद में शांति बनी

जब बस समय पर नहीं चली, तो कुछ यात्रियों ने हंगामा ही करना शुरू कर दिया, लेकिन स्टेशन अधीक्षक को जब यह जानकारी मिली कि यह मामला 4 युवतियों का है, तो उन्होंने परिचालक को इंतजार करने का निर्देश भी दिया। 1 घंटे के बाद जब यात्रियों को घटना का पता चला, तो वे शांत हो गए और युवतियों की सलामती के प्रयास में जुट गए। इस घटना के कारण बस देहरादून के लिए करीब पौने चार घंटे विलंब से रात पौने नौ बजे रवाना हुई।

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