भूस्खलन से बंद गंगोत्री हाईवे: गर्भवती महिला को स्ट्रेचर पर पार करवाकर पहुंचाया जिला अस्पताल
यातायात पुलिस ने निभाया मानवता का फर्ज, लगातार भूस्खलन से आवाजाही फिर बाधित

गंगोत्री हाईवे पर नालूपानी के पास हुए लगातार भूस्खलन से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मंगलवार को 24 घंटे की मशक्कत के बाद जैसे-तैसे हाईवे खोला गया था, लेकिन बुधवार सुबह फिर मलबा और बोल्डर गिरने से रास्ता बंद हो गया। इसी बीच, एक गर्भवती महिला को भूस्खलन क्षेत्र से स्ट्रेचर पर निकालकर जिला अस्पताल तक पहुंचाया गया, जिसने मानवीय सेवा की मिसाल पेश की।
लगातार भूस्खलन से हाईवे बार-बार हो रहा बंद
नालूपानी क्षेत्र में मौसम साफ रहने के बावजूद पहाड़ियों से लगातार मलबा और भारी बोल्डर गिर रहे हैं। इससे गंगोत्री हाईवे पर यातायात बार-बार बाधित हो रहा है। बीआरओ की मशीनें लगातार मलबा हटाने में लगी हैं, लेकिन अस्थिर पहाड़ियों से गिरता मलबा और बोल्डर रास्ता खुलने नहीं दे रहे।
गर्भवती महिला को किया गया रेस्क्यू
बुधवार दोपहर चिन्यालीसौड़ निवासी काजल को जिला अस्पताल रेफर किया गया था। लेकिन भूस्खलन के चलते वह नालूपानी के पास रास्ते में ही फंस गईं। हालात को देखते हुए ड्यूटी पर तैनात यातायात निरीक्षक संजय रौथाण, हेड कांस्टेबल अशोक जुयाल और कांस्टेबल राजेश उनियाल ने गर्भवती महिला को स्ट्रेचर पर भूस्खलन जोन से आर-पार करवाया।
इसके बाद यातायात पुलिस की मदद से उन्हें देवीधार तक वाहन से पहुंचाया गया और फिर वहां से एंबुलेंस की मदद से जिला अस्पताल भेजा गया।
मानवता की मिसाल: मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी
टीआई संजय रौथाण ने बताया कि नालूपानी में बीआरओ की मशीनें लगातार काम कर रही हैं, लेकिन भूस्खलन की आवृत्ति इतनी अधिक है कि सड़क खोलने में कई घंटे लग रहे हैं। रुक-रुक कर हो रहे मलबा गिरने से जोखिम लगातार बना हुआ है।
प्रभावित लोगों को मिल रही प्राथमिक सहायता
प्रशासन और पुलिस की टीमें मौके पर मुस्तैद हैं। हाईवे को सुचारू करने के लिए दिन-रात प्रयास जारी हैं। यात्रियों को अस्थायी शेल्टर और राहत सामग्री भी मुहैया कराई जा रही है।
प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि वे गंगोत्री हाईवे पर अनावश्यक यात्रा से फिलहाल बचें और संबंधित विभागों की एडवाइजरी का पालन करें।