बदरीनाथ में कुबेर पर्वत से टूटा ग्लेशियर, कंचनगंगा नाले में बहाव तेज

बदरीनाथ धाम क्षेत्र में स्थित कुबेर पर्वत से एक ग्लेशियर टूटकर कंचनगंगा नाले में गिरने की खबर सामने आई है। यह घटना गुरुवार देर शाम की बताई जा रही है। गनीमत रही कि इस घटना में कोई जनहानि या संपत्ति नुकसान नहीं हुआ, लेकिन इसके बाद से स्थानीय प्रशासन और पर्यावरण विशेषज्ञ अलर्ट मोड पर आ गए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, कुबेर पर्वत की ढलानों से अचानक बर्फ का विशाल हिस्सा टूटकर नीचे कंचनगंगा नाले में आ गिरा, जिससे कुछ समय के लिए पानी के बहाव में तेजी देखी गई। हालांकि बहाव जल्द ही सामान्य हो गया। स्थानीय लोगों और तीर्थयात्रियों द्वारा घटना का वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर शेयर किया गया, जिसमें ग्लेशियर के टूटने और गिरने के दृश्य स्पष्ट देखे जा सकते हैं। घटनास्थल बदरीनाथ से कुछ किलोमीटर दूरी पर स्थित है। बदरीनाथ थानाध्यक्ष और चमोली जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी के अनुसार:
“ग्लेशियर टूटने की घटना सीमित क्षेत्र में हुई है। नाले में थोड़ी देर के लिए बहाव बढ़ा था, लेकिन अब स्थिति सामान्य है। किसी प्रकार की जान-माल की हानि नहीं हुई है। हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।”
इस प्रकार की घटनाएं पहले भी बदरीनाथ और अन्य हिमालयी क्षेत्रों में देखने को मिल चुकी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन, लगातार बढ़ते तापमान और अनियमित बर्फबारी के चलते ग्लेशियर अस्थिर हो रहे हैं। पर्यावरणविद् डॉ. रमेश डबराल कहते हैं:
“ग्लेशियर का टूटना कोई नई बात नहीं है, लेकिन इनकी आवृत्ति और स्थान चिंता का विषय बनते जा रहे हैं। पहाड़ों में बर्फ का जमना और पिघलना दोनों प्रक्रिया असंतुलित हो चुकी हैं।”
इस घटना के बाद से लगातार मौसम विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग और एनडीआरएफ की टीमें स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। मौसम वैज्ञानिकों ने भी हिमालयी क्षेत्रों में अगले कुछ दिनों तक सतर्कता बरतने की सलाह दी है।




