पिथौरागढ़ से मुनस्यारी और धारचूला के लिए एक अक्टूबर से शुरू होगी हेली सेवा
सीमावर्ती क्षेत्रों को हवाई सेवा से जोड़ने की दिशा में बड़ा कदम, पर्यटन और आवागमन को मिलेगा नया आयाम

उत्तराखंड के सीमावर्ती जनपद पिथौरागढ़ से जुड़ने वाले प्रमुख क्षेत्रों मुनस्यारी और धारचूला को अब हेली सेवा से जोड़ दिया गया है। एक अक्टूबर 2025 से इन रूटों पर हेलीकॉप्टर सेवा का संचालन शुरू किया जाएगा। यह सेवा ‘उड़ान योजना’ के तहत चलाई जा रही है, जिसके लिए हैरिटेज एविएशन को संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
उड़ान योजना के तहत केंद्र की मंज़ूरी
इस परियोजना को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय की मंजूरी मिल चुकी है। हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू से मुलाकात कर उत्तराखंड में उड़ान योजना के विस्तार की अपील की थी। इसके बाद मंत्रालय ने पिथौरागढ़ से मुनस्यारी और धारचूला के लिए हेली सेवा को हरी झंडी दे दी है।
यूकाडा ने की पुष्टि
उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UADA) के सीईओ आशीष चौहान ने जानकारी देते हुए कहा कि:
“एक अक्टूबर से पिथौरागढ़ से मुनस्यारी व धारचूला के लिए हेली सेवा शुरू कर दी जाएगी। यह सेवा सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों के लिए राहत लेकर आएगी और पर्यटन को भी गति मिलेगी।”
पर्यटन, कारोबार और आवागमन को मिलेगा लाभ
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मुनस्यारी और धारचूला जैसे क्षेत्रों तक सड़क मार्ग से पहुंचना समय और संसाधनों की दृष्टि से चुनौतीपूर्ण होता है।
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हेली सेवा से इन क्षेत्रों तक तीव्र, सुरक्षित और सुलभ यात्रा संभव हो सकेगी।
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सीमावर्ती इलाकों में पर्यटन, रोजगार, आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं और आपूर्ति तंत्र को नई गति मिलेगी।
संचालन की ज़िम्मेदारी हैरिटेज एविएशन को
हवाई सेवा का संचालन हैरिटेज एविएशन द्वारा किया जाएगा, जो राज्य में पहले भी केदारनाथ जैसे दुर्गम रूटों पर हेलीकॉप्टर सेवा प्रदान करता रहा है। अब यही कंपनी पिथौरागढ़ से मुनस्यारी और धारचूला तक अपनी सेवाएं देगी।
उड़ान योजना क्या है?
उड़ान (UDAN) यानी Ude Desh ka Aam Nagrik — भारत सरकार की एक क्षेत्रीय कनेक्टिविटी स्कीम (RCS) है, जिसका उद्देश्य देश के छोटे शहरों और दूरदराज के क्षेत्रों को हवाई नेटवर्क से जोड़ना है। इसके तहत सस्ती हवाई यात्रा और हेली सेवाओं को बढ़ावा दिया जाता है।
पिथौरागढ़, मुनस्यारी और धारचूला: रणनीतिक और पर्यटन दृष्टि से अहम
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पिथौरागढ़ को ‘लिटिल कश्मीर’ कहा जाता है और यह कुमाऊं क्षेत्र का प्रवेश द्वार है।
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मुनस्यारी ट्रेकिंग, ग्लेशियरों और पंचाचूली की वादियों के लिए प्रसिद्ध है।
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धारचूला, भारत-नेपाल सीमा पर स्थित एक महत्वपूर्ण व्यापारिक और सांस्कृतिक केंद्र है।
यह हेली सेवा न केवल स्थानीय निवासियों के लिए राहत लेकर आएगी, बल्कि इन दुर्गम क्षेत्रों के विकास और पर्यटन में भी क्रांतिकारी परिवर्तन लाएगी। सरकार के इस कदम को स्थानीय स्तर पर भी खासी सराहना मिल रही है।




