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हेलिकॉप्टर हादसा: “नानी के साथ चली जा”… मां ने कहा, और तुष्टि लौट आई सिर्फ एक ख़बर बनकर मासूम हंसी हादसे की लपटों में खो गई

केदारनाथ हेलिकॉप्टर हादसा: एक परिवार की यात्रा मातम में बदली, चश्मदीदों ने बयां किया मंजर

रुद्रप्रयाग | केदारनाथ यात्रा पर निकले बिजनौर के नगीना निवासी अधिवक्ता धर्मपाल सिंह की श्रद्धा बीते रविवार को मातम में बदल गई। 13 जून को वह अपने परिवार — पत्नी विनोदा देवी, नातिन तुष्टि, और पोते ईशान और गोरांश के साथ चारधाम यात्रा पर रवाना हुए थे। शनिवार को उन्होंने केदारनाथ में दर्शन किए और रविवार सुबह गुप्तकाशी लौटने के लिए हेलिपैड पहुंचे।

हेलिकॉप्टर में जगह सीमित होने के कारण सिर्फ उनकी पत्नी विनोदा देवी व नातिन तुष्टि को बैठाया गया, जबकि धर्मपाल सिंह अपने दोनों पोतों के साथ धाम में ही रुक गए। कुछ ही देर बाद दिल दहला देने वाली खबर भी मिली — जिस हेलिकॉप्टर में उनके परिवार के सदस्य सवार थे, वह गौरीमाई खर्क के जंगलों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में सवार सभी 7 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।

मजबूरी में भेजी गई थी तुष्टि

परिवार के करीबी सूत्रों के अनुसार, तुष्टि इस यात्रा पर नहीं जाना चाहती थी। वह दिल्ली में फैशन डिजाइनिंग की पढ़ाई कर रही थी, लेकिन उसकी मां ने जबरन नानी के साथ भेज दिया था। हादसे ने पूरे परिवार को ही झकझोर कर रख दिया है।

चश्मदीदों ने बताई हादसे की भयावहता

नेपाली मूल की स्थानीय महिला शर्मिला और उनकी बहन संजू, जो उस समय गौरी माई खर्क में घोड़ा-खच्चरों के लिए घास काटने गई थीं, ने हादसे को अपनी आंखों से देखा। शर्मिला ने बताया,

“सुबह 5 बजे तक हम वहां पहुंच गए थे। आसमान में बादल तो थे, लेकिन कोहरा नहीं था। जैसे ही हेलिकॉप्टर उस क्षेत्र में आया, अचानक घना कोहरा ही छा गया।”

हेलिकॉप्टर ने अपना संतुलन खोया और उड़ान दिशा बदलते हुए पीछे मुड़ गया। कुछ देर बाद वह एक ऊंचे पेड़ से टकराकर सीधे जमीन पर ही गिर गया और आग की लपटों में घिर गया। शर्मिला ने बताया,

“हेलिकॉप्टर हमसे महज बीस मीटर की दूरी पर गिरा था। हादसा इतना भयावह था कि लपटों के बीच कुछ भी दिखाई-सुनाई नहीं दे रहा था। वहां एक बच्ची भी गिरी मिली, जो जीवित नहीं थी। शायद वह हेलिकॉप्टर से गिरकर पत्थर से ही टकरा गई थी।”

पैदल रवाना हुए धर्मपाल सिंह

हादसे की खबर मिलते ही धर्मपाल सिंह अपने पोतों के साथ पैदल ही केदारनाथ घाटी से नीचे उतरना शुरू कर दिया। उनकी आंखों में अपनों को खोने का ग़म व मन में भारी दर्द भी था।

यह हादसा न केवल तकनीकी लापरवाही व खराब मौसम की त्रासदी है, बल्कि एक आम यात्री परिवार की असहनीय पीड़ा की जीवंत तस्वीर भी है। हादसे की जांच जारी है और सरकार ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई का भरोसा भी दिलाया है।

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