
दिनांक 17-03-2025 को थाना सहसपुर में वादी राजकुमार द्वारा एक प्रार्थना पत्र दिया गया, जिसमें उन्होंने बताया कि उनका भैंस वंशीय पशु जो कि घर के बाहर बंधा हुआ था, अज्ञात लोगों द्वारा चोरी कर लिया गया है। प्राप्त तहरीर के आधार पर थाना सहसपुर में मामला दर्ज किया गया।
पशु चोरी की लगातार हो रही घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, देहरादून ने घटनाओं का पर्दाफाश करने और इसमें शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया। पुलिस टीम ने घटनास्थल और उसके आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला और सर्विलांस के माध्यम से भी आरोपियों के बारे में जानकारी जुटाई।
सीसीटीवी फुटेज से एक संदिग्ध लोडर वाहन की पहचान हुई, जिसके बाद पुलिस टीम ने देहरादून, हरिद्वार, उत्तरप्रदेश, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के विभिन्न मार्गों पर लगे 1500 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चेक की। इसके परिणामस्वरूप यह पता चला कि इस गिरोह में हरियाणा और उत्तरप्रदेश के कुछ अपराधी शामिल थे। इसके बाद पुलिस ने उत्तरप्रदेश और हरियाणा में छापेमारी की योजना बनाई।
पुलिस की कड़ी मेहनत और मुखबिर की सूचना के बाद, 27 मार्च 2025 को पुलिस टीम ने देहरादून के कुलहाल क्षेत्र में नदी किनारे एक संदिग्ध लोडर वाहन से चोरी के 3 भैंस वंशीय पशुओं को बरामद किया। पुलिस ने वाहन में सवार दो आरोपियों, असलम और जीशान को गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों से भी पशु चोरी की घटनाओं को अंजाम देते थे।
अभियुक्तों के कब्जे से चोरी किए गए पशुओं को बेचकर प्राप्त धनराशी भी बरामद की गई। पूछताछ में यह भी सामने आया कि अभियुक्त जीशान पशुओं की खरीद-फरोख्त के बहाने देहरादून में घरों की रेकी करता था और फिर अपने साथी के साथ मिलकर चोरी की घटनाओं को अंजाम देता था। इसके बाद चोरी किए गए पशुओं को सस्ते दामों पर उत्तरप्रदेश और हरियाणा में बेच दिया जाता था।
पुलिस अब अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है और इस गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है।