तेंदुए का दिनभर आतंक: आठ लोगों पर हमला, चीख-पुकार से गूंज उठा इलाका…फिर क्या हुआ?

अल्मोड़ा जिले के स्याल्दे -देघाट क्षेत्र में तेंदुए ने जमकर आतंक भी मचाया। 3 अलग-अलग स्थानों पर हमाल कर 8 लोगों को घायल कर दिया। तेंदुआ देर शाम घायल होकर सड़क किनारे गिर गया, जिसे वन विभाग की टीम ने ट्रेंकुलाइज कर अल्मोड़ा स्थित रेस्क्यू सेंटर में भिजवा दिया है। तेंदुए के आतंक से पूरा क्षेत्र में दहशत भी रही। आठो को गहरे जख्म हैं लेकिन सबकी जान खतरे से बाहर ही बताई गई है। सभी घायलों का अस्पताल में उपचार चल रहा है। हमले के बाद वनविभाग के अधिकारी व कर्मचारी तेंदुए की तलाश में गश्त कर रहे हैं। तेंदुए को पकड़ने के लिए इलाके में पिंजरा लगा दिया था। क्षेत्र के लोग इन हमलों के बाद से ही बुरी तरह दहशत में हैं।
पिछले कई दिनों से क्षेत्र में अलग-अलग इलाकों में तेंदुआ देखे जाने की सूचना भी मिल रही थी। बीते रविवार की सुबह करीब 7 बजे मालभीड़ा क्षेत्र में मंदिर के पास अपने कमरे से निकल कर काम पर जाने की तैयारी कर रहे दो नेपाली मूल के 2 मजदूरों प्रेम व गणेश पर अचानक तेंदुए ने हमला कर दिया। दोनों मजदूरों के शरीर पर गहरे घाव भी लगे हैं। दोनों मजदूर पास में ही चल रहे सड़क निर्माण में काम करते हैं व ठेकेदार की ओर से उपलब्ध कराए गए कमरे में रहते हैं। हमले के समय वे काम पर जाने के लिए कमरे से निकले थे। उनके चीखने चिल्लाने की आवाज सुनकर आसपास के लोग दौड़े तो तेंदुआ भाग गया। दोनों को देघाट के अस्पताल में ले जाया गया। सूचना पाकर वन विभाग के डिप्टी रेंजर जीत सिंह रावत करीब 8 सहकर्मियों को लेकर मौके पर पहुंचे अभी तेंदुए की तलाश शुरु की ही गई थी कि पास में ही स्थित खल्डुआ गांव के पास बाजार में धूप सेंक रहे ग्रामीणों पर तेंदुए के हमला करने की सूचना आई।
बताया गया कि यहां तेंदुए ने गंगा देवी पत्नी हर सिंह, कृपाल सिंह पुत्र धन सिंह और बच्ची देवी पुत्री उम्मेद सिंह को हमला कर घायल भी कर दिया। ये तीनों बाजार में सडक किनारे धूप भी सेक रहे थे। वन विभाग की टीम तुरंत मौके पर पहुंची। आसपास के लोगोंने घायलों को अस्पताल पहुंचाया। जहां उन्हें प्राथमिक उपचार दिलाया भी गया। वहीं देर शाम बरंगल गांव में भी तेंदुए ने हमला बोल दिया। यहां केशव दत्त, धर्मानंद, गजेंद्र सिंह 3 लोग घायल हो गए। पूरे गांव में दहशत फैल गई। ग्रामीणों ने तेंदुए को घेरने की कोशिश की तो वह सड़क के किनारे गिर गया। संभवतय शरीर में आई चोट व थकान की वजह से तेंदुआ वेसुध हो गया। इस बीच ग्रामीण उसे घेरे रहे। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने उसे ट्रेंकुलाइज किया। उसे अल्मोड़ा स्थित रेस्क्यू सेंटर में भेज दिया है। विधायक महेश जीना ने अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल जाना। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को तेंदुए को पकड़ने के लिए त्वरित कार्रवाई करने को भी कहा।
- तेंदुआ आगे-आगे तो वन विभाग के अधिकारी पीछे-पीछे
दिन भर तेंदुए ने वन विभाग के अधिकारियों की नाक में दम भी कर दिया। तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग के अधिकारी उसके पीछे-पीछे घूमते रहे। वन विभाग की एसडीओ कोकिला पुंडीर व रेंजर उमेश चंद पांडे ने भी कर्मचारियों के साथ क्षेत्र में गश्त की।
- शाम होते ही ग्रामीणों का घरों से बाहर निकला भी हुआ मुश्किल
स्थानीय निवासी हरीश बोरा व खल्डुवा- नाचुलाखाल ग्रामीण समिति के अध्यक्ष हरी दत्त बलोदी आदि ने आदमखोर हो रहे तेंदुए के आतंक से निजात दिलाने की मांग अधिकारियों से भी की है। उन्होंने बताया कि तेंदुए के आतंक से शाम होते ही घरों से बाहर निकलना मुश्किल ही हो गया है।
घटना के बारे में उच्चाधिकारियों को जानकारी दे दी गई है। देर शाम तेंदुए को ट्रेंकुलाइज कर अल्मोड़ा स्थित रेस्क्यू सेंटर में भिजवाया भी दिया गया है। -जीत सिंह रावत, डिप्टी रेंजर वन विभाग।