उत्तराखंड में 15 फरवरी से शुरू हो रहे फायर सीजन के दौरान प्रमुख वन अफसरों को फील्ड में तैनात किया जाएगा
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उत्तराखंड में 15 फरवरी से शुरू हो रहे फायर सीजन के दौरान वन विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारी, जिनमें प्रमुख वन संरक्षक (पीसीसीएफ) और एपीसीसीएफ रैंक के अधिकारी शामिल हैं, फील्ड में मोर्चा संभालेंगे। इन अधिकारियों को जिलावार जिम्मेदारी सौंपी जाएगी और वे प्रत्येक जिले में वनाग्नि नियंत्रण कार्यों की निगरानी करेंगे।
प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु के मुताबिक, वनाग्नि की चुनौती से निपटने के लिए शासन और विभागीय स्तर पर एक कार्ययोजना तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि वन मुख्यालय में बैठने वाले अधिकारी समन्वय और निगरानी के कार्यों में जुटेंगे, जबकि पीसीसीएफ और एपीसीसीएफ स्तर के अधिकारी अपने-अपने जिलों में कैंप करेंगे और फायर सीजन शुरू होने से पहले वनाग्नि की मॉक ड्रिल में भी भाग लेंगे।
वनाग्नि नियंत्रण के लिए केंद्र को भेजा गया प्रोजेक्ट
आरके सुधांशु ने यह भी जानकारी दी कि उत्तराखंड में वनाग्नि नियंत्रण और प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार को एक प्रोजेक्ट भेजा गया है। इस प्रोजेक्ट का बजट करीब 500 करोड़ रुपये है और केंद्र से इसकी मंजूरी के लिए लगातार अनुरोध किया गया है। परियोजना के तहत अत्याधुनिक उपकरणों, मानव संसाधन, अवस्थापना सुविधाओं और प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी, जिससे वनाग्नि से निपटने में मदद मिलेगी।
10 हजार की फौज से होगा वनाग्नि नियंत्रण
उन्होंने बताया कि इस बार फायर सीजन के दौरान जन सहयोग और जनभागीदारी के माध्यम से वनाग्नि से निपटने की योजना बनाई गई है। इसके तहत फायर वाचर्स और स्वयंसेवकों सहित लगभग 10 हजार लोगों की एक टीम तैनात की जाएगी, जो आग पर काबू पाने और उसकी रोकथाम में मदद करेगी।




