उत्तराखंड में एक हजार से अधिक नए मतदान केंद्र स्थापित होंगे, मतदाताओं को लंबी कतारों से मिलेगी राहत
देहरादून। भारत निर्वाचन आयोग ने आगामी चुनावों को लेकर मतदाताओं की सुविधा बढ़ाने के लिए एक अहम निर्णय लिया है। आयोग के नए निर्देशों के तहत उत्तराखंड में 1000 से अधिक नए मतदान केंद्र भी बनाए जाएंगे। इसका उद्देश्य प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या को कम करना व मतदान को और अधिक सुलभ बनाना है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने बुधवार को सचिवालय में मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि अब हर मतदान केंद्र पर अधिकतम 1200 मतदाता ही होंगे, जबकि पहले यह संख्या 1500 थी। इस बदलाव के चलते राज्य में नए मतदान केंद्रों की स्थापना भी की जाएगी। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश भर में 11,647 मतदान केंद्र भी बनाए गए थे।
ऊंची इमारतों और कालोनियों में भी मिल सकेगा मतदान केंद्र
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि आयोग के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार अब ऊंची इमारतों व घनी आबादी वाली कालोनियों में भी मतदान केंद्र भी बनाए जा सकेंगे, जिससे घर के पास ही मतदान करने की सुविधा भी मिल सकेगी। इससे विशेषकर शहरी मतदाताओं को बड़ी राहत भी मिलेगी।
मतदाता सूची होगी और अधिक पारदर्शी
मतदाता सूची को दुरुस्त करने के लिए अब मृत्यु पंजीकरण का डेटा सीधे रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया के डाटाबेस से प्राप्त भी किया जाएगा, जिससे सूची का स्वचालित सत्यापन व अपडेट संभव होगा।
मतदान केंद्रों पर मोबाइल डिपॉजिट की सुविधा
मतदान केंद्रों पर मोबाइल डिपॉजिट केंद्रों की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी ताकि सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए मतदाता मतदान प्रक्रिया में शामिल भी हो सकें।
मतदाता सूची में सुधार
इस बार की मतदाता सूची को और अधिक उपयोगकर्ता अनुकूल भी बनाया जाएगा। मतदाता की क्रम संख्या व भाग संख्या को सूची में प्रमुखता से प्रकाशित किया जाएगा ताकि मतदाता को अपने विवरण आसानी से भी मिल सकें।
राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट भी होंगे तैनात
राज्य में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंटों की तैनाती की प्रक्रिया भी तेज़ी से चल रही है। यह सुनिश्चित करेगा कि मतदाता सूची व मतदान केंद्रों से जुड़ी किसी भी गड़बड़ी की निगरानी प्रभावी रूप से भी हो सके।
इस संवाद कार्यक्रम में अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे, उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी किशन सिंह नेगी, सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी मस्तू दास व सूचना विभाग के उप निदेशक रवि बिजारनिया भी उपस्थित रहे।
यह निर्णय राज्य में लोकतंत्र की मजबूती व मतदाताओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक बड़ा कदम भी माना जा रहा है।




