उत्तराखंड में तीन साल में 4 हजार से ज्यादा नशे के सौदागर पहुंचे सलाखों के पीछे — पुलिस ने पकड़ा खतरनाक नशे का जाल
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देहरादून: उत्तराखंड में नशे का काला कारोबार लगातार बढ़ता ही जा रहा है। पुलिस व एसटीएफ द्वारा सख्त कार्रवाई के बावजूद राज्य में नशे के सौदागर भी सक्रिय हैं। ‘नशा मुक्त उत्तराखंड अभियान’ के तहत पिछले तीन सालों में एनडीपीएस एक्ट के तहत 3,431 मुकदमे दर्ज भी किए गए हैं, जिनमें 4,440 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। वहीं तस्करों से 208 करोड़ रुपये से अधिक की नशीली सामग्री भी बरामद भी की गई है।
एसटीएफ के अनुसार, अगस्त 2025 तक दर्ज मामलों में पुलिस ने बड़ी मात्रा में चरस, डोडा, अफीम, कोकीन, हेरोइन, गांजा व सिंथेटिक ड्रग्स जब्त किए हैं। कुल मिलाकर 2 अरब रुपये से अधिक मूल्य का नशा पकड़ा भी जा चुका है।
🔹 नए ट्रेंड में सिंथेटिक ड्रग्स का बढ़ा चलन
पुलिस का कहना है कि अब नशा तस्करी में एमडीएमए (MDMA) और सिंथेटिक ड्रग्स का चलन भी तेजी से बढ़ा है।
- चंपावत में इसी साल जुलाई में एसटीएफ ने पति-पत्नी ईशा व राहुल को 5.6 किलो एमडीएमए के साथ गिरफ्तार किया था।
- उधम सिंह नगर में आरोपी कुणाल राम कोहली के कब्जे से खतरनाक केमिकल और एमडीएमए के साथ कई रॉ मटेरियल बरामद किए गए, जिनका उपयोग सिंथेटिक ड्रग्स बनाने में भी किया जाता था।
🔹 देहरादून में फार्मा फैक्ट्री से नशे की दवाएं बरामद
देहरादून जिले में एसटीएफ ने एक फार्मा कंपनी पर छापा मारकर 900 से अधिक नशीले कैप्सूल, 700 से ज्यादा टैबलेट व 192 बोतलें सिरप बरामद कीं। इसके साथ बड़ी संख्या में खाली रैपर और पैकिंग सामग्री भी मिली।
🔹 हरिद्वार और देहरादून में भारी मात्रा में नशीला जखीरा
हरिद्वार जिले में रानीपुर थाना क्षेत्र में पुलिस ने गोदाम पर छापा मारकर 3.41 लाख नशीले कैप्सूल के साथ एक कर्मचारी को गिरफ्तार भी किया। पूछताछ के बाद देहरादून स्थित कंपनी के डिपो से 2.16 लाख शीशियां सिरप व 6 लाख से अधिक ट्रामाडोल कैप्सूल बरामद भी किए गए।
इसके अलावा, चंडीगढ़ एनसीबी ने हरिद्वार सिडकुल स्थित एक फार्मा कंपनी से निर्मित 60 हजार प्रतिबंधित गोलियों के साथ 7 तस्करों को गिरफ्तार भी किया था। बाद में छापेमारी में कंपनी से 2.5 लाख गोलियां व बरामद हुईं।
🔹 पुलिस की सख्त निगरानी
इस पूरे अभियान पर बात करते हुए पुलिस महानिरीक्षक (अपराध एवं कानून व्यवस्था) नीलेश आनंद भरणे ने कहा —
“उत्तराखंड पुलिस ड्रग्स की रोकथाम के लिए लगातार प्रयासरत भी है। नशा तस्करों की धरपकड़ के साथ ही जनजागरूकता पर विशेष ध्यान भी दिया जा रहा है, ताकि राज्य को पूरी तरह नशा मुक्त भी बनाया जा सके।”




