रायपुर मास्टर प्लान फेल: दो साल बाद भी नहीं बन सका प्लान, अब हटेगा फ्रीज जोन

देहरादून। रायपुर क्षेत्र में विधानसभा व सचिवालय भवन बनाने की बहुप्रतीक्षित योजना अब सरकारी तंत्र की सुस्ती व व्यावहारिक अड़चनों की भेंट ही चढ़ गई है। मास्टर प्लान के तहत प्रस्तावित इस विकास योजना के लिए घोषित फ्रीज जोन को अब हटाने की तैयारी भी शुरू हो गई है। शासन के वरिष्ठ अधिकारी सचिव आवास आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि फ्रीज जोन हटाने का प्रस्ताव भी तैयार कर जल्द ही कैबिनेट के समक्ष भी रखा जाएगा।
दो साल बीते, मास्टर प्लान आज भी अधर में
बता दें कि रायपुर क्षेत्र के बड़े हिस्से को 2 वर्ष पहले महायोजना (मास्टर प्लान) के लिए फ्रीज जोन घोषित कर दिया गया था। इस अधिसूचना के तहत निर्माण व विकास गतिविधियों पर भी प्रतिबंध लगाया गया था। अधिसूचना 23 मार्च 2023 को जारी हुई थी और महायोजना को 5 माह में तैयार करने का लक्ष्य भी रखा गया था। लेकिन 2 वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी योजना धरातल पर ही नहीं उतर सकी।
विधानसभा भवन के लिए पर्यावरण मंजूरी भी अटकी
मास्टर प्लान के तहत विधानसभा भवन के लिए प्रस्तावित भूमि को केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय से सैद्धांतिक स्वीकृति तो मिल गई थी, लेकिन शासन की ओर से आवश्यक सूचनाएं समय पर नहीं भेजे जाने के कारण स्वीकृति ही निरस्त हो गई। इसके चलते विधानसभा और सचिवालय भवन निर्माण की योजना भी ठंडे बस्ते में चली गई।
स्थानीय लोगों की बड़ी समस्या, न मकान बना पा रहे, न दुकान
फ्रीज जोन की वजह से क्षेत्र के निवासी न तो अपने घर बना पा रहे हैं और न ही व्यावसायिक गतिविधियां भी शुरू कर पा रहे हैं। बालावाला, नथुवावाला, नकरौंदा, गुल्लरघाटी, हर्रावाला, कुआंवाला व रांझावाला जैसे इलाकों में लोगों की जमीनें होते हुए भी निर्माण कार्य अटके ही पड़े हैं। स्थानीय निवासी शांतनु ने इस संबंध में सीएम से मुलाकात कर फ्रीज जोन हटाने की मांग भी की थी।
अब हटेगा फ्रीज जोन, मिलेगी राहत
सूत्रों के अनुसार, शासन अब इस फ्रीज जोन को हटाने की दिशा में गंभीर है। इससे न केवल स्थानीय निवासियों को राहत मिलेगी, बल्कि विकास परियोजनाओं को भी गति मिल सकेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय देरी से लिया गया, लेकिन यदि अब इसे अमल में लाया जाता है तो रायपुर क्षेत्र के विकास को नई दिशा भी मिल सकती है।