न्यायालय का सम्मान, यूसीसी पर मजबूती से पक्ष रखेगी सरकार: चौहान
महिला विरोधी और तुष्टिकरण के पैरोकार गलतफहमी मे, उतराखंड से निकलेगी समान अधिकार की गंगा
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देहरादून। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने हाईकोर्ट में यूसीसी को लेकर दाखिल याचिका पर कहा कि न्यायालय का सम्मान करते हुए सरकार मजबूती से अपना जवाब देगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि महिला अधिकारों के विरोधी और विघ्न संतोषी लोगों को किसी किसी गलतफहमी मे रहने की जरूरत नही, क्योंकि प्रदेश से निकली यूसीसी की गंगा समूचे राष्ट्र को एक देश एक समान कानून के सूत्र में पिरोकर ही रहेगी।
पार्टी मुख्यालय में मीडिया के सवालों के जवाब मे उन्होंने कहा कि हम न्यायिक प्रक्रिया का पूरा सम्मान करते हैं, लिहाजा सरकार द्वारा शीघ्र यूसीसी पर जवाब दाखिल किया जाएगा। समान नागरिक संहिता को लेकर सरकार द्वारा लंबी संवैधानिक प्रक्रिया अपनाई गई। जिसमें सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की अध्यक्षता में विशेषज्ञों द्वारा लाखों लोगों से रायशुमारी की गई। जिसमें सभी सामाजिक, राजनीतिक, वर्गों और क्षेत्रीय प्रतिनिधियों और संस्थानों द्वारा अपने विचार प्रस्तुत किए गए हैं। लगभग 3 वर्षों की लंबी और विस्तृत प्रक्रिया के बाद तैयार यूसीसी पर कानून और कार्यपालिका के शीर्ष जानकारों द्वारा समीक्षा की गई।
विधानसभा में भी सभी पक्षों के जनप्रतिनिधियों द्वारा इस पर चर्चा की गई और अंततः आज सभी देवभूमिवासी, एक समान कानून का लाभ ले रहे हैं। भाजपा की नीयत, सरकार की नीति और जनता की यूसीसी को लेकर अपेक्षा के आधार पर हमे विश्वास है कि न्यायालय में हमारा पक्ष मजबूती से सामने आएगा। जिससे आने वाले समय में इस विषय को लेकर सभी कानूनी आपत्तियों का निस्तारण हो सकेगा।
उन्होंने याचिका को लेकर विपक्ष की प्रतिक्रियाओं पर कटाक्ष किया कि महिला विरोधी और तुष्टिकरण की नीति अपनाने वालों से इससे इतर अपेक्षा नहीं की जा सकती थी। क्योंकि यही लोग संविधान निर्माताओं की इच्छा के विरुद्ध अब तक देश में यूसीसी को लागू नहीं करने वालों में हैं। यही लोगों वर्ग विशेष की तुष्टि के लिए मुस्लिम पर्सनल ला और वक्फ बोर्ड कानून लेकर आए और हिंदू कोड बिल को थोपा।
बरहाल किसी को गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए, क्योंकि देवभूमि से निकली यूसीसी की इस गंगा को अब कोई नहीं रोक सकता है। इस कानून में विद्यमान राष्ट्र एकरूपता का तत्व सभी बाधाओं को दूर करते हुए, देशवासियों को कानूनी समानता देकर रहेगा।




