लगातार बढ़ रहा वन्यजीवों का आतंक, बीरोंखाल में भालू के हमले से महिला गंभीर घायल
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पौड़ी जिले में जंगली जानवरों का आतंक थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। कभी गुलदार तो कभी भालू के हमलों ने ग्रामीणों का जीना ही मुश्किल कर दिया है। पाबौ, पैठणी, थलीसैंण व बीरोंखाल क्षेत्रों में भालू का आतंक तेजी से बढ़ने भी लगा है। शुरुआत में भालू मवेशियों पर हमला कर रहे थे, लेकिन अब ग्रामीणों पर भी हमले की घटनाएँ सामने भी आ रही हैं। हालात यह हैं कि लोग शाम ढलते ही घरों से बाहर निकलने में डर भी महसूस कर रहे हैं।
ग्रामीण लगातार वन विभाग व प्रशासन से सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि प्रभावित क्षेत्रों में पिंजरे लगाए जाएँ, गश्त बढ़ाई जाए व वन कर्मियों की तैनाती की जाए ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित भी की जा सके।
इसी बीच बीरोंखाल ब्लॉक के जिवई गांव में सोमवार सुबह एक दर्दनाक घटना भी हुई। गांव की 40 वर्षीय लक्ष्मी देवी, पत्नी महिपाल सिंह, पर झाड़ियों में छिपे भालू ने अचानक ही हमला कर दिया। वह अपनी साथी महिलाओं के साथ रोज की तरह घास काटने गई थीं। अचानक झाड़ियों से निकले भालू ने उन पर हमला कर दिया, जिससे उनकी दाईं आंख और सिर पर गंभीर चोटें भी आईं।
हमले के बाद साथ की महिलाओं ने शोर मचाया, जिसके बाद भालू वहां से भाग भी गया। ग्रामीणों ने तुरंत घायल महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बीरोंखाल पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उनकी हालत गंभीर बताते हुए उन्हें हायर सेंटर रेफर भी कर दिया।
चिकित्सा प्रभारी डॉ. शैलेन्द्र रावत के अनुसार महिला की आंख व सिर पर गहरे घाव हैं। वहीं, वन क्षेत्राधिकारी वीरेंद्र रावत ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि प्राथमिक राहत के रूप में ₹50,000 की सहायता राशि पीड़ित को भी भेज दी गई है।
ग्रामीणों ने चेताया कि यदि क्षेत्र में वन विभाग की सक्रियता भी नहीं बढ़ाई गई तो मानव–वन्यजीव संघर्ष व गंभीर हो सकता है।



