गैरसैंण सत्र के दौरान यूकेडी कार्यकर्ताओं को रोका गया, धारा 163 के चलते प्रदर्शन नहीं करने दिया
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चमोली। ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण में विधानसभा का मानसून सत्र जारी ही है, लेकिन सत्र शुरू होते ही क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी कर दी गई है। जिला प्रशासन ने विधानसभा भवन से 5 किलोमीटर के दायरे में धारा 163 लागू करते हुए हर प्रकार के धरना-प्रदर्शन व घेराव पर प्रतिबंध लगा दिया है।
यूकेडी ने लगाया “आवाज दबाने” का आरोप
उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) के सैकड़ों कार्यकर्ता आज विधानसभा का घेराव करने के लिए गढ़वाल व कुमाऊं क्षेत्र से भराड़ीसैंण की ओर रवाना हुए थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें जगह–जगह पर रोक भी दिया। इसके चलते यूकेडी नेताओं में भारी आक्रोश भी है। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि सरकार उनके शांतिपूर्ण प्रदर्शन को दबाने की कोशिश भी कर रही है।
ये हैं यूकेडी की प्रमुख मांगें
- धराली व हर्षिल आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए
- गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाया जाए
यूकेडी कार्यकर्ताओं का कहना है कि वर्तमान में गैरसैंण केवल प्रतीकात्मक केंद्र ही बनकर रह गया है और वास्तविक राजधानी के रूप में उसे कभी विकसित ही नहीं किया गया। उन्होंने सरकार पर “आंदोलनकारियों की भावनाओं के साथ धोखा” करने का आरोप भी लगाया।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वीर सिंह ने बताया कि विधानसभा सत्र को शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए अर्धसैनिक बलों सहित भारी पुलिस बल भी तैनात किया गया है और क्षेत्र में धारा 163 के तहत किसी भी तरह की रैली या प्रदर्शन की अनुमति ही नहीं दी गई है।



