उत्तराखंड: अप्रैल में धधकने लगे जंगल, पंचायती और सिविल वनों में आग की घटनाएं बढ़ीं
पिथौरागढ़। शांत फायर सीजन के दो महीनों के बाद अप्रैल माह में जिले के जंगल आग की चपेट में आ गए हैं। बीते एक सप्ताह में वनाग्नि की घटनाओं में अचानक तेजी भी आई है। सिविल और पंचायती वनों में आग लगने की 8 घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं।
बाराकोट ब्लॉक के इजड़ा, गल्लागांव व लड़ीधुरा के चीड़ बाहुल्य जंगलों में भीषण आग भी फैली है। इजड़ा की आग पर दमकल विभाग ने काबू भी पा लिया है, लेकिन लड़ीधुरा और गल्लागांव अब भी सुलग रहे हैं। आग मंदिर और गांवों के पास पहुंचने से ग्रामीणों में दहशत भी है।
गल्लागांव में आग से पहाड़ी से पत्थर गिरने लगे हैं, जिससे देवली माफी मोटर मार्ग पर खतरा भी बना हुआ है। 3 दिन की मशक्कत के बाद फायर स्टेशन प्रभारी जगदीश सिंह की टीम ने इजड़ा की आग पर काबू भी पाया।
वन विभाग की एसडीओ नेहा चौधरी ने बताया कि आरक्षित वन क्षेत्र अभी सुरक्षित हैं, लेकिन सिविल व पंचायती वनों में आग की घटनाएं चिंताजनक हैं। सभी रेंज अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश भी दिए गए हैं।




