उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग को नया स्वरूप, सरकार ने दिए 12 नए पदों के सृजन को मंजूरी
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देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने राज्य मानवाधिकार आयोग के कार्य को अधिक प्रभावी व सक्रिय बनाने के लिए उसके संरचनात्मक ढांचे के पुनर्गठन को मंजूरी भी दे दी है। इस फैसले के तहत आयोग में 12 नए पदों का सृजन भी किया जाएगा, जिससे आयोग की कार्यक्षमता में सुधार होगा और लंबित मामलों के निपटारे की रफ्तार भी बढ़ेगी।
सरकार के इस निर्णय से आयोग को शिकायतों की जांच और उस पर कार्रवाई करने में अधिक संसाधन और स्टाफ मिलेगा। साथ ही राज्य में मानवाधिकारों की रक्षा व जागरूकता से जुड़ी कार्यवाही को भी गति मिलेगी।
गौरतलब है कि उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग का गठन वर्ष 2011 में किया गया था। गठन के समय आयोग में 47 पद स्वीकृत भी किए गए थे, लेकिन बीते 13 वर्षों में न तो स्टाफ की संख्या में कोई उल्लेखनीय वृद्धि हुई और न ही आयोग के ढांचे में बदलाव। इस दौरान प्रदेश में आमजन की शिकायतों व मानवाधिकार से जुड़े प्रकरणों की संख्या में लगातार ही इजाफा हुआ, जिससे आयोग की कार्यप्रणाली पर असर भी पड़ा। आयोग को शिकायतों के समयबद्ध निस्तारण में कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ रहा था।
इन्हीं जरूरतों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने आयोग के पुनर्गठन व पदों के सृजन के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल से मंजूरी भी दिलाई है। उम्मीद जताई जा रही है कि नए ढांचे के तहत आयोग की कार्यक्षमता में बढ़ोतरी भी होगी और प्रदेश में मानवाधिकार संरक्षण का तंत्र और भी मजबूत होगा।




