जैविक के साथ प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देगा उत्तराखंड जैविक उत्पाद परिषद
देहरादून। उत्तराखंड में जैविक खेती के साथ- साथ अब प्राकृतिक खेती को भी बढ़ावा मिलेगा। कृषि मंत्री गणेश जोशी की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित उत्तराखंड जैविक उत्पाद परिषद की 26वीं बोर्ड बैठक में ही यह निर्णय लिया गया। बैठक में तय हुआ कि किसानों को उनके जैविक व प्राकृतिक उत्पादों का बेहतर मूल्य दिलाने के लिए प्रदेश के चुनिंदा स्थानों पर विशेष मंडियों की स्थापना भी की जाएगी। ये मंडियां राष्ट्रीय ई-बाजार की तर्ज पर ही संचालित होंगी।
बैठक में परिषद का नाम बदलकर उत्तराखंड जैविक और प्राकृतिक उत्पाद परिषद करने पर भी सहमति बनी। साथ ही, एपीडा की गाइडलाइन के अनुरूप प्रत्येक जिले में परिषद के तकनीकी अधिकारी, सहायक विपणन अधिकारी व आंतरिक निरीक्षक को कार्यालय उपलब्ध कराने का प्रस्ताव भी पारित किया गया।
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि
उत्तराखंड में प्राकृतिक खेती की परंपरा रही है और अब इसे संगठित ढंग से बढ़ावा देने की आवश्यकता भी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से प्रेरित भी किया जाए, ताकि राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर जैविक व प्राकृतिक उत्पादों के क्षेत्र में पहचान मिल सके।
बैठक का संचालन परिषद के प्रबंध निदेशक विनय कुमार ने किया। इस दौरान परिषद के उपाध्यक्ष भूपेश कुमार, मनोनीत सदस्य निरंजन डोभाल, गिरीश बलूनी सहित कृषि, उद्यान, रेशम, सगंध पौधा केंद्र, जड़ी-बूटी केंद्र और पंतनगर विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।




