उत्तराखण्ड एसटीएफ ने 1.43 करोड़ रुपये की साइबर धोखाधड़ी मामले में राजस्थान से साइबर ठग को किया गिरफ्तार
उत्तराखण्ड एसटीएफ के साईबर थाना देहरादून द्वारा करोडों की साईबर धोखाधडी के मामले में एक साइबर ठग को राजस्थान से किया गिरफ्तार जनपद हरिद्वार निवासी एक पिडिता के साथ हुयी थी 1,43,03,655/- ( एक करोड तिरालीस लाख तीन हजार छः सौ पचपन) रुपये की साइबर धोखाधडी गिरोह द्वारा व्हाट्सएप पर यू0के0 वर्चुअल नम्बर का प्रयोग कर व्हाट्सएप संदेश के माध्यम से लोगों से सम्पर्क कर स्वयं को भारतीय ब्रोकर के रुप में पेश कर निवेश कराने के नाम पर कम समय में अधिक से अधिक मुनाफा कमाने का लालच दिया जाता था। शेयर मार्केट / स्टॉक ट्रेडिंग की विभिन्न कम्पनियों की फर्जी वैबसाईट बनाकर करते थे धोखाधड़ी अब तक की विवेचना से उपरोक्त धोखाधडी में पीडिता से ठगे गयी कुल धनराशि में से अलवर राजस्थान के विभिन्न पाँच आईडीबीआई बैंक खातों में 55,94,110/- रुपये स्थानान्तरित होना तथा इन खातों में कुल 2,33,17,920/- रुपये का लेन देन होना प्रकाश में आया उक्त बैंक खातों के विरुद्ध राष्ट्रीय साईबर क्राईम पोर्टल में 15 शिकायते दर्ज गिरफ्तार अभियुक्त से घटना में प्रयुक्त बैंक खाते का एस0एम0एस अलर्ट नं0 सहित एक मोबाइल हैण्डसैट बरामद।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ उत्तराखण्ड नवनीत सिंह ने जानकारी दी कि साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून में हाल ही में एक मामला सामने आया, जिसमें हरिद्वार निवासी से 1,43,03,655 रुपये की साइबर धोखाधड़ी की गई थी।
इस मामले में आरोपितों ने यूके स्थित व्हाट्सएप नंबरों का उपयोग कर खुद को भारतीय ब्रोकर के रूप में प्रस्तुत किया। वे फर्जी वेबसाइटों के माध्यम से निवेश का मुनाफा दिखाकर लोगों से पैसे भी ठगते थे। इस धोखाधड़ी में पीड़िता ने 64,27,668 रुपये ‘क्वांटम कैपिटल’ और 78,75,987 रुपये ‘क्यूयू मीडिया’ के नाम से खो दिए।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के निरीक्षक विजय भारती की अगुवाई में एक टीम बनाई। टीम ने तकनीकी संसाधनों का प्रयोग करते हुए जांच शुरू की और विभिन्न बैंकों, सर्विस प्रदाताओं और मेटा व गूगल से डेटा प्राप्त किया। जांच में सामने आया कि आरोपी द्वारा कई बैंक खातों में रकम ट्रांसफर की गई थी, जिनमें अलवर के विभिन्न आईडीबीआई बैंक खातों में 55,94,110 रुपये ट्रांसफर हुए थे।
पुलिस ने अलवर, राजस्थान निवासी 32 वर्षीय कैलाश सैनी को गिरफ्तार किया, जो इस धोखाधड़ी का मास्टरमाइंड भी था। आरोपी के पास से घटना में प्रयुक्त बैंक खाता, मोबाइल व सिम कार्ड बरामद किए गए। उसकी गिरफ्तारी के बाद यह भी खुलासा हुआ कि उसने करीब 30,50,242 रुपये फर्जी तरीके से ट्रांसफर भी किए थे।
साइबर ठगों ने धोखाधड़ी के लिए व्हाट्सएप के जरिए निवेश के संदेश भेजे व फर्जी वेबसाइटों के माध्यम से लोगों से पैसे भी जुटाए। पुलिस ने इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया है और जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के धोखाधड़ी के मामलों से बचने के लिए सतर्क रहें।
एसटीएफ द्वारा जनता से अपील की गई है कि वे किसी भी फर्जी निवेश ऑफर या अनजान कॉल्स से बचें और किसी भी संदिग्ध साइबर गतिविधि के बारे में पुलिस से संपर्क करें।