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जल उठा हल्द्वानी, सीऍम धामी ने दिए उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के दिए आदेश

उत्तराखंड के हल्द्वानी में अवैध मदरसा और मस्जिद के नाम पर किए गए अतिक्रमण को तोड़ने पहुंची टीम पर पथराव के बाद उपद्रवियों ने जमकर आगजनी की। दर्जनों वाहनों को फूंक डाला। इस दौरान कई पुलिसकर्मी भी जख्मी हो गए। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा में अवैध निर्माण को हटाए जाने के दौरान पुलिस और प्रशासन के अफसरों पर हमले की घटना को गंभीरता से लिया और अफसरों के साथ हाई लेवल मीटिंग की, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के साथ हालत की समीक्षा की। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। साथ ही उपद्रवियों व अशांति फैलाने वालों के खिलाफ सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं। हल्द्वानी में मोबाइल-इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी गई है। सभी पेट्रोल पंप बंद कर दिए गए हैं। सीमावर्ती इलाकों को सील कर दिया गया है। यूपी के बॉर्डर इलाकों को भी अलर्ट किया गया है। उत्तराखंड के डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा- शाम को करीब चार बजे टीम कोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाने गई थी। इसके विरोध में अराजक तत्वों ने पथराव किया और आगजनी की। अवैध हथियारों से प्रशासन पर फायरिंग की। पुलिस की गाड़ियों को आग लगा दिया। थाने में भी तोड़फोड़ और आगजनी की गई। घटना की सूचना के बाद डीआईजी कुमाऊं भी पहुंचे। आसपास के जिलों से पुलिस भी पहुंची। केंद्रीय बलों की चार कंपनियां भी पहुंच चुकी हैं। नैनीताल की डीम वंदना सिंह ने कहा- किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। वीडियो रिकॉर्डिंग से नुकसान की भरपाई उन्हीं दंगाइयों के द्वारा की जाएगी। जानकारी जुटाने के लिए दंगाइयों के पोस्टर भी जारी किए जाएंगे। अवैध अतिक्रमण पर अभियान रुकने वाला नहीं है। वनभूलपुरा के मलिक का बगीचा क्षेत्र की नजूल भूमि पर अतिक्रमण है। कोर्ट के आदेश पर पिछले दिनों नगर निगम की टीम ने अभियान शुरू किया था। इस दौरान क्षेत्र में बने भवनों को ध्वस्त किया गया। अतिक्रमण हटाने के दौरान मदरसा और नमाज स्थल के भी नजूल भूमि में होने पर निगम ने दोनों को तोड़ने के लिए कार्रवाई शुरू की। मदरसा व नमाज स्थल को सील कर दिया था। गुरुवार को प्रशासन और नगर निगम की टीम भारी पुलिस बल के साथ मौके से अतिक्रमण हटाने पहुंची। इस दौरान क्षेत्र में तनाव फैल गया। अतिक्रमण हटाने गई टीम पर पथराव कर दिया गया। पुलिस ने लाठीचार्ज करके भीड़ को हटाने की कोशिश की, लेकिन हालात बिगड़ते चले गए। एक दर्जन के अधिक वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। उद्रवियों ने थाने को भी फूंक दिया। कट्टरपंथियों के हमले में घायल एक महिला पुलिस अधिकारी ने आपबीती सुनाई और बताया की किस तरह अपनी जान बचाने के लिए लड़ते हुए मुश्किल से वे वापस लौटे।

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