आगामी लोकसभा चुनाव में ड्यूटी पर लगने वाले सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को एयर एंबुलेंस की सुविधा भी मिलेगी।
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आगामी लोकसभा चुनाव में ड्यूटी पर लगने वाले सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को एयर एंबुलेंस की सुविधा भी मिलेगी। चुनाव आयोग ने इस बार दुर्घटनामुक्त मतदान का संकल्प भी लिया है। इसके लिए सभी मतदानकर्मियों को कैशलेस उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। 2022 के विधानसभा चुनाव में 13 मतदानकर्मियों की मृत्यु भी हुई थी जबकि 1 घायल हुआ था। इस बार मौत और दुर्घटना का आंकड़ा शून्य करने पर चुनाव आयोग ने जोर भी दिया है। इसी के लिए प्रदेशभर में एयर एंबुलेंस की सुविधा रहेगी जो कहीं भी अनहोनी होने पर तत्काल मतदानकर्मियों को अस्पताल तक भी पहुंचाएगी। और सभी कर्मचारियों को मेडिकल किट मिलेगी। उत्तराखंड में इस बार आम चुनाव में 75 प्रतिशत मतदान का लक्ष्य को रखा गया है। साल 2004 के लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड में 49.25 प्रतिशत मतदान हुआ था। साल 2009 के चुनाव में 53.96 प्रतिशत मतदान हुआ था। साल 2014 के चुनाव में 62.15 प्रतिशत मतदान हुआ था। साल 2019 के चुनाव में 61.50 प्रतिशत मतदान हुआ था। साल 2019 के चुनाव में राष्ट्रीय औसत 67.40 प्रतिशत मतदान का था, जिसके सापेक्ष इस बार 75 प्रतिशत मतदान का लक्ष्य को रखा गया है। इसी हिसाब से सभी विभागों की जिम्मेदारियां तय की गई हैं। टिहरी में डिप्टी कलेक्टर के 2, ऊधमसिंह नगर में डिप्टी कलेक्टर का 1, पिथौरागढ़ में डिप्टी कलेक्टर के 2, अल्मोड़ा में डीपीआरओ और सीटीओ, टिहरी में सीटीओ के अलावा विभिन्न तहसीलों में तहसीलदार के पद भी खाली पड़े हुए हैं। प्रदेश में 11729 मतदान केंद्र भी बनाए गए हैं, जिनमें से 503 केंद्रों पर रैंप की सुविधा ही नहीं है। 207 केंद्रों पर बिजली की सुविधा नही है, 90 केंद्रों पर पेयजल की सुविधा नही है, 64 केंद्रों पर शौचालय सुविधा नही है , 71 केंद्रों पर फर्नीचर सुविधा नही है और 825 केंद्रों पर शेड की सुविधा उपलब्ध नहीं है। चुनाव आयोग को 1 माह के भीतर ये सभी व्यवस्थाएं करानी हैं।




