चालू वित्तीय वर्ष के दौरान पिछले वर्ष की तुलना में बजट अनुमान के सापेक्ष 11 फीसदी कर राजस्व बढ़ा, नान टैक्स से राजस्व प्राप्ति में सुस्ती

चालू वित्तीय वर्ष के दौरान पिछले वर्ष की तुलना में बजट अनुमान के सापेक्ष 11 फीसदी कर राजस्व बढ़ा है, जबकि नान टैक्स से राजस्व प्राप्ति में सुस्ती है। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विभागीय अधिकारियों को नान टैक्स से राजस्व प्राप्ति में सुधार लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, राज्य के संसाधनों से राजस्व बढ़ाने के प्रयासों में तेजी लाई जाए। वित्त मंत्री विधानसभा में विभाग की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में उन्होंने चालू वित्तीय वर्ष में बजट अनुमान के सापेक्ष राज्य को करों से प्राप्त होने वाले राजस्व की प्रगति जानकारी मांगी। उन्हें बताया गया कि अभी तक लगभग 11 प्रतिशत राजस्व प्राप्ति हो चुकी है। यह वृद्धि मुख्यतः एसजीएसटी, वैट, स्टांप और आबकारी से प्राप्त होने वाले राजस्व में हुई है। उन्होंने वित्त विभाग में लंबित प्रस्तावों पर तेजी से काम करने और नवाचार को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, 30 जून तक वित्त विभाग में खाली पदों को भरने की प्रक्रिया पूरी हो जाए। साथ ही पदोन्नति के मामलों में भी आवश्यक कार्रवाई की जाए। पेंशनर की मृत्यु होने पर परिजनों को होने वाली परेशानी का मसला भी बैठक में उठा। वित्त मंत्री ने सचिव वित्त को निर्देश दिए कि वे ऐसी व्यवस्था बनाएं कि पेंशनरों से जुड़े प्रकरण का निस्तारण सहजता से हो सके। उन्होंने जीएसटी विभाग को प्रवर्तन की कार्रवाई बढ़ाने के निर्देश दिए। विभाग में लंबित समस्याओं के समाधान को भी कहा। बैठक में अपर मुख्य सचिव आनंद बर्धन, सचिव वित्त दिलीप जावलकर समेत सभी प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में बजट अधिकारी मनमोहन मैनाली ने बताया, वर्ष 2022-23 में कुल बजट खर्च का 56 करोड़ रुपये खर्च हुआ था। वर्ष 2023-24 में खर्च बढ़कर 60 हजार करोड़ हो गया। यानी चार हजार करोड़ रुपये अधिक खर्च हुए। पूंजीगत परिव्यय 10,982 करोड़ हुआ, जबकि 2022-23 में 8,192 करोड़ रुपये था। बताया कि जीएसटी में लगभग 13 फीसदी बढ़ोतरी हुई। वित्त मंत्री ने नान टैक्स बढ़ाने और केंद्र पोषित योजना की विशेष समीक्षा करने के निर्देश दिए। कहा, विकास योजनाओं की यूसी भी समय पर दी जाए। बैठक में आवासीय सोसाइटी के पंजीकरण के मसले पर भी चर्चा हुई। आवासीय सोसाइटी का भी सोसाइटी एक्ट के तहत पंजीकरण होता है, लेकिन नियमावली में आवासीय सोसाइटी के विवादों के निपटारे के प्रावधान नहीं हैं। रेरा में भी कोई व्यवस्था नहीं है। वित्त मंत्री ने आवासीय सोसाइटी के लिए नियमावली बनाने के निर्देश दिए। बैठक में कहा गया कि उन राज्यों के सोसाइटी नियमावली का अध्ययन कर लिया जाए, जहां आवासीय समितियों के पंजीकरण और विवादों के निपटारे के लिए अलग से व्यवस्था है। तय हुआ कि विभागीय अधिकारी यूपी और महाराष्ट्र के आवासीय सोसाइटी पंजीकरण के नियमों का अध्ययन करेंगे।



