देहरादून में खुलेंगी 28 नई सस्ता गल्ला राशन की दुकानें, डीएम की सख्ती से वर्षों पुरानी फाइलें हुईं एक्टिव
देहरादून। शहर के कई शहरी मोहल्लों में वर्षों से लंबित नई सस्ता गल्ला राशन दुकानों की मांग अब पूरी होने जा रही है। जिलाधिकारी सविन बंसल के संज्ञान लेने और सख्त रुख अपनाने के बाद धूल खा रही फाइलों को बाहर निकालकर तत्काल टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। अब देहरादून जिले में 28 नई सरकारी सस्ता गल्ला दुकानें भी खोली जाएंगी, जिससे हजारों उपभोक्ताओं को राहत भी मिलेगी।
वर्षों से अटकी थी प्रक्रिया, डीएम ने दी 15 दिन की मोहलत
जानकारी के मुताबिक, कुछ शहरी क्षेत्रों में रहस्यमय कारणों से लंबे समय से नई राशन दुकानों के आवंटन पर रोक भी लगी थी। मामला डीएम के संज्ञान में आते ही उन्होंने पूर्ति विभाग के तमाम बहानों को खारिज करते हुए 15 दिन का अल्टीमेटम दे डाला। इसके बाद विभाग ने तुरंत कार्रवाई शुरू करते हुए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की और टेंडर भी जारी कर दिए।
अब नहीं झेलनी होगी लंबी लाइनें
इन नई दुकानों से उन क्षेत्रों में रहने वाले बुजुर्ग, महिलाएं व वंचित वर्ग के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी, जो अब तक भीषण गर्मी, सर्दी या बारिश में लंबी कतारों में खड़े होकर राशन लेने को मजबूर थे।
प्रस्तावित स्थानों की सूची जारी
इन दुकानों के लिए आवेदन प्रक्रिया 7 मई से शुरू हुई थी, जिसकी अंतिम तिथि 15 जून 2025 तक बढ़ा दी गई है। प्रस्तावित क्षेत्रों में निम्न मोहल्ले और कालोनियां भी शामिल हैं:
- नगर निगम देहरादून: दीप नगर, चकशाह नगर, डिफेंस कॉलोनी, करागी, विद्या विहार, बंजारावाला, ब्रह्मणवाला, संस्कृतिलोक कॉलोनी, ब्रह्मपुरी आदि
- नगर निगम ऋषिकेश: अंबेडकर चौक, अद्वैतानंद मार्ग, मुखर्जी चौक, आईडीपीएल, इंद्रानगर
- क्लेमेनटाउन, कनाट प्लेस, मसूरी, रायपुर, प्रेमनगर और सहसपुर आदि के दर्जनों क्षेत्र।
राशन कार्डों का होगा पुनः सत्यापन
डीएम ने यह भी निर्देश दिए हैं कि जिले में समस्त राशन कार्डों का पुनः सत्यापन किया जाए। अभी तक जिले में कुल 3,87,954 राशन कार्ड हैं, जिनमें से केवल 35,393 कार्ड ही सत्यापित हैं और 1,445 कार्ड निरस्त किए जा चुके हैं। डीएम ने पूर्ति विभाग को टीम गठित कर सभी श्रेणियों के कार्ड का पुनः सत्यापन अभियान चलाने के निर्देश भी दिए हैं।
जिलाधिकारी की पहल से वर्षों से ठप पड़ी व्यवस्था में नई जान आ गई है। अब गरीब और जरूरतमंदों को राशन के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा और सरकार की जन-कल्याणकारी योजना जमीनी स्तर पर और ज्यादा प्रभावी भी होगी।




