ईरान-इस्राइल युद्ध में फंसे मंगलौर के 32 लोग, परिजनों ने भारत सरकार से की सुरक्षित वापसी की गुहार
Deprecated: preg_split(): Passing null to parameter #3 ($limit) of type int is deprecated in /home/u948756791/domains/doondarshan.in/public_html/wp-content/themes/jannah/framework/functions/post-functions.php on line 805

हरिद्वार/मंगलौर: ईरान और इस्राइल के बीच जारी युद्ध के चलते उत्तराखंड के मंगलौर क्षेत्र के 32 लोग ईरान में ही फंसे हुए हैं। इनमें धार्मिक यात्रा पर गए 15 तीर्थयात्री व इस्लामिक स्टडीज के लिए गए 17 छात्र भी शामिल हैं। युद्ध के चलते ईरान में हवाई सेवाएं भी ठप हो गई हैं, जिससे इन लोगों की भारत वापसी अधर में ही लटक गई है।
परिजनों ने केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप कर अपनों को सुरक्षित वापस लाने की अपील भी की है। तीर्थयात्रियों में मंगलौर, टांडा भनेड़ा, व जैनपुर झंझेड़ी के लोग भी शामिल हैं। परिजनों की नींद उड़ गई है और वे हर पल ईरान से किसी खबर का इंतजार भी कर रहे हैं।
इराक से लौटते वक्त फंसे तीर्थयात्री
बताया गया है कि तीर्थयात्री पहले इराक के पवित्र स्थलों की जियारत भी कर चुके थे और इसके बाद ईरान पहुंचे थे। लेकिन इसी बीच इस्राइल ने ईरान पर हवाई हमले तेज कर दिए, जिससे ईरान सरकार ने सभी हवाई उड़ानें रद्द कर दीं। इससे तीर्थयात्रियों की वापसी भी मुश्किल हो गई है।
फोन संपर्क भी टूटने के कारण परिजनों की चिंता और भी बढ़ गई है। वे रोज़ाना उनकी सलामती की दुआ भी कर रहे हैं।
छात्र भी लौटने को मजबूर, मोहर्रम से पहले होती थी वापसी
मंगलौर क्षेत्र के 17 छात्र भी इस समय ईरान में मदरसों में पढ़ाई भी कर रहे हैं। आमतौर पर ये छात्र मोहर्रम से पहले छुट्टियों पर भारत को लौटते हैं, लेकिन इस बार युद्ध ने उनकी वापसी ही रोक दी है।
3 दिन से संपर्क नहीं: मौलाना सिब्ते हसन ने बताया कि
उनका बेटा पिछले 3 वर्ष से ईरान में पढ़ाई कर रहा है, लेकिन पिछले 3 दिनों से संपर्क नहीं हो पा रहा। उन्होंने केंद्र सरकार से तत्काल कार्रवाई कर सभी भारतीयों को सुरक्षित निकालने की मांग भी की है।
परिजनों की चिंता बढ़ी
मोहम्मद राहत, मुशीर, इमाम अली, कासिम, सरताज, मौलाना जीशान अली, मोहम्मद शाह रजा, मोहम्मद तबरेज और मौलाना मोहसिन अली समेत कई लोगों ने बताया कि उनके बच्चे भी ईरान में ही पढ़ाई कर रहे हैं।
परिजनों ने बताया कि युद्ध के कारण पिछले कई दिनों से कोई संपर्क भी नहीं हो पा रहा, जिससे वे बेहद चिंतित हैं। उन्होंने भारत सरकार से मांग की है कि दूतावास के माध्यम से सभी भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित कर उन्हें स्वदेश में लौटाया जाए।




