चारधाम यात्रा में स्वास्थ्य सेवाएं देने वाले पीजी डॉक्टरों को मिलेगा जिला रेजीडेंसी कार्यक्रम (डीआरपी) प्रमाण पत्र
नई व्यवस्था से तीर्थ यात्रियों को मिलेगा बेहतर स्वास्थ्य सेवा का लाभ
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उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने वाले पोस्ट-ग्रेजुएट (पीजी) डॉक्टरों के लिए अब एक बड़ी घोषणा की है। अब इन डॉक्टरों को जिला रेजीडेंसी कार्यक्रम (डीआरपी) प्रमाण पत्र भी मिलेगा, और इसके लिए उन्हें अलग से 3 माह की ट्रेनिंग नहीं करनी पड़ेगी। इस प्रस्ताव को राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने मंजूरी दे दी है, और आदेश भी जारी कर दिए हैं।
इस पहल से पहली बार चारधाम यात्रा में आने वाले तीर्थ यात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त होंगी। प्रदेश सरकार ने इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय, एनएमसी और राष्ट्रीय बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज (एनबीईएमएस) को एक प्रस्ताव भी भेजा था, जिसे अब मंजूरी भी मिल गई है।
एनएमसी के सचिव डॉ. राघव लांगर ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए बताया कि इस व्यवस्था से देश भर में पीजी डॉक्टरों को डीआरपी प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए एक नया अवसर मिलेगा। पहले पीजी डॉक्टरों को डीआरपी प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए तीन महीने की अनिवार्य ट्रेनिंग करनी होती थी, लेकिन अब चारधाम यात्रा में सेवा देने के बाद भी उन्हें यह प्रमाण पत्र मिलेगा।
सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि इस पहल से चारधाम यात्रा में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी पूरी होगी। इससे यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी, और इस व्यवस्था से प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को भी मजबूती मिलेगी।
इस कदम से प्रदेश सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को उच्चतम स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हो सकें, और यात्रा के दौरान किसी भी स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का प्रभावी समाधान हो सके।




